सबके राम व शौर्य नमन द्वारा नौ दिवसीय श्री राम जन्मोत्सव के कवि सम्मेलन ‘राम से राम तक’ में किये गए थे आमंत्रित।चूक गए त्रेता युग में गर, आ कर देखो ‘अबके’ राम/ रमित, रमेश, रमण, रघुनंदन, सरयू तट पर ‘तबके’ राम/
जाति, धर्म, समुदाय, पंथ के पाश में बांध न पाओगे;/ ॐ ॐ में, धरा-व्योम में, अपने, सबके, ‘सबके राम’…. भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के रामलीला मैदान में नालंदा के युवा कवि संजीव मुकेश ने जब यह पंक्तियाँ पढ़ी तो पूरा मुक्ताकाश मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मौका था इंदौर की संस्था सबके राम द्वारा आयोजित मध्य भारत का सबसे भव्य 9 दिवसीय श्री राम जन्मोत्सव पर शहीदों को समर्पित संस्था शौर्य नमन और सबके राम द्वारा आयोजित श्री राम पर केंद्रित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ‘राम से राम तक’ का। इस कार्यक्रम में देश भर से प्रसिद्ध कवियों को आमंत्रित किया गया था। जिसमें गाँव का लड़का नाम से चर्चित नालंदा के युवा कवि संजीव मुकेश को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंथ श्री राजू दास जी महाराज, सबके राम संस्था की प्रवीणा अग्निगोत्री और महेंद्र सिंह चौहान, शौर्य नमन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने श्री मुकेश को राम का पट्टा व प्रभु श्रीराम व राम मंदिर के स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया।
संजीव मुकेश ने बताया कि सबके राम और शौर्य नमन संस्था के क्रियाकलाप व संकल्प ने बहुत प्रभावित किया।
प्रवीणा अग्निहोत्री ने बताया कि सबके राम संस्था का उद्देश्य है चैत्र नवरात्र के साथ-साथ लोग प्रभु श्री राम की मूर्ति भी अपने घर मे स्थापित करें और रामनवमी तक इसकी विधिवत पूजा अर्चना करें। संस्था लोगों को संकल्प और राम दरबार की मिट्टी की मूर्ति भी उपलब्ध करवा रही थी।
कवि सम्मेलन में संजीव मुकेश के अलावा आगरा से डॉ रुचि चतुर्वेदी, नई दिल्ली से ज़ी न्यूज़ के चर्चित एंकर व कवि राम मोहन शर्मा, लखीमपुर खीरी से नवल सुधांशु, अयोध्या से रामायण धर द्विवेदी, बनारस से प्रशांत बजरंगी, मध्य प्रदेश से गौरव साक्षी, प्रतापगढ़ से प्रीति पांडेय, डॉ ओम शर्मा ओम, प्रयागराज से निखिल पाठक और सचिन सावन को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में शौर्य नमन संस्था के अभिषेक मालवीय, शिवम शाही, विनय दीक्षित, विपिन सिंह , विघ्नेश दबे की महत्पूर्ण भूमिका रही।
कौन हैं संजीव कुमार मुकेश
साहित्यिक पारिवारिक माहौल ने कविता लिखने को किया प्रेरित। पिताजी श्री उमेश प्रसाद उमेश भी हैं मगही से वरिष्ठ साहित्यकार। पत्नी श्रीमती मीनाक्षी मुकेश व दस साल का बेटा सार्थक शांडिल्य भी लिखता है कविता।इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत मुकेश दिल्ली में रहते हैं। माँ मालती देवी स्मृति सम्मान समारोह के संयोजक है।
मगही को समर्पित संस्था “अखिल भारतीय मगही मंडप” और “विश्व मगही परिषद” से जुड़े हैं। नालंदा जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रेस सलाहकार हैं। राष्ट्रीय कवि संगम के प्रदेश महामंत्री हैं। बिहार साहित्य सम्मेलन के आजीवन भी हैं। मगही के प्रचार-प्रसार व उन्नयन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय भी हैं।