भोजपुरी फिचर फिल्म ” बगल वाली जान मारेली “का मुहूर्त मंत्री श्रावण कुमार ने फिल्म कलैप बोर्ड दिखाकर किया फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार हैं – एक पत्रकार के जिंन्दगी में सच्ची पत्रकारीता करने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है , उस संघर्ष को इस फिल्म में दर्शाया गया है , मिडीया और भोजपूरी सिनेमा के बड़े कलाकारों के सहयोग से पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार को इस फिल्म में दिखाया गया है , मिडीया का हिरों सिनेमा का विलेन कहे जाने वाले क्राईम रिपोर्टर राहुल खन्ना (मुन्ना मोबाईल जी) पहली बार इस फिल्म में हिरो की भुमिका में बड़े पर्दे पर नजर आयेगें | बिहार के दबंग बालु माफिया विधायक बाकें बिहारी (मनोज टाईगर ) पीला सोना का सबसे बडा़ सौदागर माना जाता है , बांके बिहारी के अत्याचार से पुरा इलाका थर थर कापता है , विधायक का गुण्डागर्दी चरम सिमा पर रहता है ,
अपहरण ,लुटपाट , हफ्ता वसुली , मर्डर , बलात्कार के सैकड़ो मामले थाने में दर्ज है लेकिन कोई माई का लाल बाकें बिहारी के खिलाफ आवाज नही उठाता है , एक बेटे की चाहत में बांके बिहारी चार – चार बेंटियां पैदा कर देता है , चंम्पा , चमेली , गुलावो , रानी , चारो बेटियाँ आसमान की परी जैसी सुंन्दर है , राहुल , गोविंन्द , मुन्ना , रवी , चारो दोस्त एक किराये के मकान में रहकर पढा़ई करते है , और साथ नौकरी की तलाश में भटकता भी रहता है , एक दिन चारो दोस्तों की टकराव एम एल ए बांके बिहारी की बेटीयों से होता है , और बहुत लडा़ई झगड़े के बाद चारो दोस्त बांके बिहारी के बेटीयों से प्रेंम कर बैठते है , ललन यादव , राजन तिवारी दोनो बहुत जिगरी दोस्त है , जो बालु (पीला सोना) , शराब , ईट भट्ठा , एवं भु – माफिया है , दोनो दोस्त बिहार के दबंग बाहुबली गुंण्डा है जो हमेशा सफेद लिवास में लिपटे होते है , सरकार पर अच्छी पकड़ बनाकर रखते है , बांके बिहारी इन दोनो दोस्तों से हर महिने इनके विजनस मे से 50’/. का मुनाफा हफ्ता वसुली के रूप मे लेता है , बांके बिहारी के इस अत्याचार से तंग आकर ललन यादव और राजन तिवारी बाके बिहारी को मर्डर करने का एक प्लान बनाता है ,
और एक सुपारी किल्लर को बांके बिहारी को मौत के घाट उतारने की सुपाारी दे देता है , सुपारी किल्लर एवं राजन तिवारी व ललन यादव कई बार तिनो मिलकर बांके बिहारी को मारने का प्लान बनाते है लेकिन हर बार फेल हो जाते है , इधर नौकरी के तलाश में चारो दोस्त रोजाना अलग अलग कंम्पनी कोरपोरेट हाउस आफिसों में इन्टरव्यू देते रहतें है , अचाक एक दिन राहुल और गोविंन्द को एक टीवी चैनल में रिपोर्टर कि नौकरी मिल जाता है , और पहले दिन हि 009 TV NETWORK मिडीया समुह के ब्युरों चिंफ मणि अइ्ईयर शंकर ने राहुल गोविंन्द दोनो को एम एल ए बांके बिहारी , राजन तिवारी ,एवं ललन यादव के काले कारनामें कि स्टोरि कवर कर लाने की , बेचारा राहुल गोविंन्द मरता क्या न करता नौकरी भि मिलि तो शेर के मुहं से गोश् छिनकर लाने की , राहुल गोविंनद पहलेदिन हि चौका छक्का मारता है
एक ब्रेकिंग न्युज स्टोरि कवर कर कार्यालय में आता है , जैसे ही स्टोरि टिवि पर प्रशारित होति है , पुरे शहर में सनसनी फैल जाती है , एक्सक्लूसिव खबर देकर करोडो़ का विवरशिप बढ़ जाता है , चैनल की टीआरपी करोड़ो पार कर जाती है , इसि बिच इस खबर को चलने के कुछ ही देर बाद बांके बिहारी एम एल ए का मर्डर हो जाता है , और उस मर्डर का ईल्जाम लगता है राजन तिवारी एवं ललन यादव पर , ललन यादव एवं राजन तिवारी के खिलाफ ये बड़ि खबर 009 TV NETWORK पर ब्रेकिंग न्यूज बनकर चलने लगा , इस न्यूज़ को 009 टिवी नेटवक कर चलते ही राजन तिवारी एवं रवि
निर्माता रविन्द्र कुमार अकेला ( साधु बाबू ) , एवं 009 टीवी नेटवक है , लेखक -डायरेक्टर अनिल एस मेहता जी है , मुख्य भूमिका में गुजरात के जानेमाने सूपरस्टार राकेश पांण्डेय (गोविंन्द ठाकुर) , बिहार गोपालगंज के लोकप्रिय गायक नायक नागेन्द्र उजाला , मनोज टाईगर (बताशा चाचा) , के.के गोस्वामी , राजकपुर शाही , अशोक कालरा , उजाला मेहता , लालबहादुर प्रसाद , ओमकार सिंह , कैमरामैन गोरांग शाह , म्यूज़िक डायरेक्टर आर्या शर्मा / मनोज बंन्टी , कोरियोग्राफर डी रामदेवन , फाईट मास्टर शहाबुद्दीन शेख इत्यादि हैं ,