Monday, December 23, 2024
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बन्धु बाजार में सप्तमी के दिन दुर्गा मंदिर का पट खुलते ही मां के हुए दर्शन

बिहारशरीफ, 2-10-2022 : शहर के सोहसराय स्थित बन्धु बाजार में शारदीय नवरात्र के सातवें दिन व मां दुर्गा के सातवें स्वरुप मां कालरात्रि की विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद मां का पट खुला। पट खुलने से पहले ही पूजा पंडाल में मां के दर्शन को लेकर काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी। दुर्गा मंदिर में पूजा समिति की ओर से शारदीय नवरात्र दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। मंदिर में दुर्गा पूजा का विधिवत उद्घाटन पूजा समिति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शंकर कुमार खत्री व समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा, सरदार वीर सिंह राजदेव पासवान तथा श्रीकांत मणि मिश्रा ने संयुक्त रूप से मां दुर्गा को चुनरी ओढाकर किया। जैसे ही मां का पट खुला पूरा पंडाल दुर्गा मईया के जयकारे से गूंज उठा। पूजा एवं आरती में मां के भक्त पहुंचे हुए थे। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां की पूजा-अर्चना हुई।

दुर्गा पूजा कमिटी के कार्यकर्ता मेला में सुरक्षात्मक सक्रियता बढ़ाई –मां की महिमा का स्मरण कर श्रद्धालु मन्नते मांगते दिखे। दुर्गा पूजा कमिटी के कार्यकर्ताओं ने मेला में भीड़-भाड़ के चलते अपनी सुरक्षात्मक सक्रियता मुस्तैदी से बढ़ा दी है। प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर स्थिति की सतत निगरानी में लगे हुए हैं, ताकि दुर्गा पूजा शांति व सौहार्द से संपन्न हो सके।

मां के पूजा से सुख एवं शांति की अनुभूति होती है – दुर्गा मां के सातवें स्वरूप की चर्चा करते हुए श्रीकांत मणि मिश्रा ने बताया कि मां कालरात्रि के ध्यान से जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। कठिनाइयों से जूझने की क्षमता प्राप्त होती है। सुख एवं शांति की अनुभूति होती है। मां सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

पूजा समिति के कोषाध्यक्ष नन्दू प्रसाद ने कहा कि आज नवरात्रि का सातवां दिन है। आज का दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। मां की पूजा-आराधना कर भक्तों को सुख-शांति औऱ सौभाग्य की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में आज का दिन भक्तों के लिए बेहद ही खास होता है। सप्तमी तिथि को देशभर के पूजा पंडालों के पट खुल जाते हैं और मां अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। इसी वजह से आज के दिन का सभी को इंतजार रहता है। मां शक्ति की आराधना से अच्छे कर्मों की शक्ति मिलती है।

मौके पर समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि नवरात्र शक्ति का पूजन है। यह नारी शक्ति, उसके आभामंडल के आदर का उत्सव है। भारतीय संस्कृति में मातृत्व शक्ति मां दुर्गा के विराट स्वरूप का वर्णन है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान का प्रारंभ कन्या के शुभ हाथों से, तो पहला चरण-वंदन मां का करने की परंपरा है। संस्कारों का जन्म ही मातृत्व शक्ति से होता है। मां अपनी कोख में और जन्म देने के बाद बच्चे को जो संस्कार देती है, इसी पर परिवार, समाज और देश का भविष्य टिका होता है। मां बच्चे को एक पुरुष के रूप में संसार का संचालन करने की शक्ति प्रदान करती है। मातृत्व शक्ति चाहे, तो एक पीढ़ी में संपूर्ण मानव सभ्यता को बदल सकती है। एक परिपक्व व्यक्तित्व को गढ़ने में मां की शक्ति की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा- अब तो विज्ञान ने भी साबित कर दिया है कि मातृत्व शक्ति एक सकारात्मक शक्ति है। इस सकारात्मक शक्ति की अनदेखी मातृत्व और कन्या शक्ति, दोनों को कमजोर करती है। भारतीय संस्कृति में सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा ये क्रमश ज्ञान, धन और शक्ति की देवी हैं। इनकी स्तुति में संपूर्ण कल्याण छिपा है। यदि मन, वचन, कर्म और समस्त इंद्रियों द्वारा इन तीनों शक्तियों का सदुपयोग किया जाए, तो ये परिवार, समाज और देश में संस्कार, संस्कृति और धर्म को जीवंत बनाने में समर्थ हैं। इनकी कृपा से मनुष्य मात्र को नई ऊर्जा, नई दिशा और नई गति मिलती है।

शाम ढ़लते ही रंगीन रौशनी से नहा लिया बन्धु बाजार – शाम होते ही सोहसराय और बन्धु बाजार का नजारा बदल गया। ऐसा लग रहा था मानों आकाश के तारे जमीन पर उतर आए हों। पूजा समिति की ओर से सड़क पर बिजली की जो सजावट की गई थी उसका कुछ अलग ही नजारा दिख रहा था। रंगीन रौशनी में दर्शनार्थियों का चेहरा चमक रहा था। प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए पूजा पंडालों पर डीजे तो नहीं था पर मधुर धुन में बज रहे मां के भजन से भक्तिमय माहौल कायम हो गया था।

पूजा पंडाल और मंदिर में चढ़ा फलहार का प्रसाद – पूजा पंडाल व मंदिर के अलावा घर-घर में भक्त कलश स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-पाठ कर रहे हैं। पट खुलने के साथ ही शहर के फल मंडी और मिठाई की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ रही। लोग प्रसाद चढ़ाने के लिए बगैर अन्न वाले मिठाई और सेव, केला, नारंगी, अनार, नारियल आदि का प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद चढ़ाने में इस बात का ख्याल रखा जा रहा था कि इसमें अन्न का उपयोग नहीं हुआ हो। वजह है कि व्रती अष्टमी को हवन करने के बाद ही अन्न से बने प्रसाद ग्रहण करते हैं। शहर के बन्धु बाजार मंदिर, मेन रोड सोहसराय स्थित दुर्गा मंदिर, साईं मंदिर समेत अन्य मंदिरों व पूजा पंडालों में लोगों ने पूजा अर्चना कर मां को प्रसाद चढ़ाएं।

बन्धु बाजार में हर तरफ दिखा भारतीय संस्कृति व मेला का नजारा – सोहसराय के बन्धु बाजर में काफी रौनक थी। सड़कों पर मेला का नजारा था। फुटपाथ पर नास्ता और फार्स्ट फूड के दर्जनों दुकानें सजी थी। रंगीन टेंट में ग्राहकों को बैठने के लिए कुर्सी की भी व्यवस्था थी। समोसा, चाट, मिठाई, फास्ट फूड, जलेबी, पकौड़ी आदि की दर्जनों दुकानें सजी थी। हर आने-जाने वाले लोगों को दुकानदार गर्म नास्ते और चाट की आवाज लगाकर अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। वहीं स्थाई नास्ते, मिठाई, चाट, समोसे, दही की लस्सी आदि की दुकानों पर लोगों ने अपना जायका बदला।
इस अवसर पर पूजा समिति के सक्रिय सदस्य निकेश कुमार, शंकर कुमार खत्री, सुभाष चंद्र यादव, सरदार वीर सिंह, राजदेव पासवान, विद्या भूषण सिंह, नन्दू प्रसाद, राधिका कुमारी, दयमंती देवी, विरजु मिस्त्री, कृष्ण कुमार लहकार, टुनटुन चौधरी,अजय कुमार श्रद्धालु मौजूद रहे।

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