बिहारशरीफ, ककड़िया : 09 नवम्बर 2023 को स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में नालंदा जिला का 51 वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालय में रंगोली, मेहंदी, क्विज, चित्रकला, वाद-विवाद के अलावा पौधरोपण, भगवान गौतम बुद्ध व महावीर के जीवन दर्शन पर चर्चा किया गया।
इस मौके पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए अपने उद्बोधन में विद्यालय के शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिये विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ विश्व के सबसे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी मौज़ूद है, जहाँ सुदूर देशों से छात्र अध्ययन के लिये भारत आते थे। बुद्ध और महावीर कइ बार नालन्दा मे ठहरे थे। माना जाता है कि महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी मे की थी, जो नालन्दा मे स्थित है। नालंदा जिला का स्थापना दिवस हर वर्ष 9 नवंबर को जिले में प्रमुखता से मनाया जाता है। नालंदा का बिहारशरीफ एक ऐतिहासिक नगर है, बिहारशरीफ राजगीर तथा पाटलिपुत्र के बाद मगध का तीसरा शहर है। 750-1543 ईस्वी में जब राजगीर उजड़ चुका था और पाटलिपुत्र जलमग्न होकर बर्बाद हो गया था तो उदंतपूरी यानी बिहारशरीफ जो पहले पाल राजा की और फिर तुर्क अफगान शासन की राजधानी रही थी, बिहारों की अधिकता देखकर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने नगर का नाम बिहार रख दिया। विहारों की अधिकता से बिहार कहलाने बाला यह नगर हजारों मजारों की अधिकता से तीर्थ सूचक शरीफ शब्द जुड़ जाने से बिहारशरीफ हो गया। 1865 में यह बिहार अनुमंडल का और 9 नवंबर 1972 में नालंदा जिला का मुख्यालय बना।
1869 में स्थापित बिहार नगरपालिका 2002 में बिहारशरीफ नगर परिषद तथा 2007 में बिहारशरीफ नगर निगम बनी। जब 09 नवंबर 1972 को नालंदा जिला गठित हुआ तो 10 नवंबर 1972 का यह दिन बड़ा ऐतिहासिक था सोगरा उच्च विद्यालय के मैदान में भारी जन सैलाब उमड़ा तत्कालीन मुख्यमंत्री केदार पांडे जिला उद्घाटन के लिए पधारें थे। बिहार के तत्कालीन मंत्री डॉक्टर रामराज प्रसाद सिंह ने अध्यक्षता किया था। तत्कालीन जिलाधिकारी विंध्यनाथ झा ने स्वागत किया। साहित्यकार हरिश्चंद्र प्रियदर्शी ने मुख्यमंत्री के अभिनंदन के पत्र पढ़े और मानपत्र समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने यंत्र चालित बटन दबाकर जिला के नक्शे को आलोकित-उदघाटित किया था। तालियों व नारों के बीच समारोह के सचिव प्रख्यात डॉक्टर आर ईसरी अरशद के धन्यवाद के साथ समारोह संपन्न हुआ था।
ऐतिहासिक बिहारशरीफ जिला मुख्यालय बन गया। नालंदा जिला पूरब में सरमेरा, अस्थावां तक पश्चिम में तेल्हाडा तक दक्षिण में गिरियक तक उतर में हरनौत तक फैला हुआ है। जिला बनने के बाद नालंदा ने अभूतपूर्व प्रगति की है। चौड़ी-चौड़ी सड़के-शिक्षा, विशिष्ट संस्थान एवं अन्य कई विकास कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि नालंदा एक प्रशंसित महाविहार था, जो भारत में प्राचीन साम्राज्य मगध (आधुनिक बिहार) में एक बड़ा बौद्ध मठ था। चीनी चात्री ह्वेनसांग के बिना नालन्दा का इतिहास अधूरा है। ह्वेनसांग ने नालन्दा के अतीत को संजोने का कार्य किया था, वे यहां आए तो थे बौद्ध धर्म की उत्पति को समझने, लेकिन उन्होंने यहां के इतिहास को आज भी जिंदा रखने का काम किया है।
नालन्दा पुर्नजीवित होने के रास्ते पर चला है इसमें ह्वेनसांग की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है उन्होंने छात्र-छात्राओं को नालंदा जिला के शानदार संस्कृति के लिए धन्यवाद दिया और जिले के सर्वागिंन विकास की काममा की व जिले के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक महत्वों को बताते हुए कहा कि नालंदा जिला काफी समृद्ध है और इसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा- बिहार सरकार का अनोखी भागीरथ प्रयास से हाथीदह गंगा नदी से कैनाल के द्वारा गंगाजल राजगीर के घोड़ा कटोरा जलाशय में लाया गया है।
हाथीदह से 92 किलोमीटर का पाइप लाइन जो 2.4 मीटर ऊंचे ब्यास का पाइप लाइन है।यह पाइपलाइन ज्यादातर जगहों पर जमीन से 10 फीट नीचे है। सड़क के किनारे जमीन के अंदर पाइपलाइन बिछाया गया है और कई जगहों पर ब्लू कलर का पाइप लाइन का एक हिस्सा मेंटेनेंस और एयर फ्लो के लिए बाहर रखा गया है। यह योजना लगभग 4200 करोड़ की है 2020 से काम शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बड़ी सौगात दी है। नालंदा में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी तरक्की हुई है। मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, नालंदा यूनिर्वसिटी ऑफ नालंदा की स्थापना की गयी है। फिर से यहां देश-विदेश के छात्र पढ़ने के लिए आने लगे हैं। पर्यटन के क्षेत्र में राजगीर, पावापुरी व नालंदा का काफी विकास हुआ है। राजगीर स्काई वॉक, नेचर सफारी, जू-सफारी से लेकर घोड़ाकटोरा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। राजगीर में सीआरपीएफ कैम्प व पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोला गया है।
राजगीर में आयुध कारखाना तो हरनौत में रेल कोच फैक्ट्री खोली गयी। क्रिकेट स्टेडियम, फिल्म सिटी व आईटी सिटी समेत कई और बड़े प्रोजेक्टों पर कार्य चल रहें हैं।
इस मौके पर प्रधानाध्यापक अनुज कुमार, शिक्षक सुरेन्द्र कुमार, सुरेश कुमार, विश्वरंजन कुमार, अरविन्द कुमार शुक्ला, शिक्षिका पूजा कुमारी, जगरनाथ कुमार, वीरमणि कुमार, विशाल कुमार, कौशल कुमार, धीरज कुमार, छात्रा सुंदरी कुमारी, मायावती कुमारी अंशु कुमारी, माधुरी कुमारी, अंजलि कुमारी, रागिनी कुमारी, शिल्पी कुमारी सहित विद्यालय परिवार के सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल थे।