Saturday, September 21, 2024
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मनुस्मृति दहन दिवस के अवसर पर मनु का पुतला दहन और मनुस्मृति की प्रतियाॅ जलाई गई।

बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित   सर्वप्रथम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी प्रदेश महासचिव बलराम दास ने संयुक्त रूप से कहा कि हर वर्ष 25 दिसंबर को मनुस्मृति दहन दिवस मनाया जाता है।इसी दिन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को महाड सत्याग्रह आंदोलन के दौरान मनुस्मृति को जलाया था। जिसका उद्देश्य हिन्दु धर्म में अनुसूचित जाति/जन जाति एवं अति पिछड़ा वर्ग को मंदिर में प्रवेश कराना और वहाँ पर सभी के साथ महाड तालाब में से पानी पीने का अधिकार दिलाना था।

* मनुस्मृति को जालाने के लिए पहले से वेदी तैयार थे जिन पर लिखा था:- (1) मनुस्मृति की दहन भूमि (2) अस्पृश्यता को खत्म करो (3)ब्राह्मणवाद को दफना दो।

* मनुस्मृति हिन्दु धर्म का सबसे पुराना ग्रन्थ है जिसे मानव ग्रंथ भी कहा जाता है।इसमें 12 अध्याय 2694 श्लोक हैं,यह हिन्दु धर्म का कांड और कंडक्ट भी माना जाता है।
* 3 फरवरी 1928 को अपने न्यूजपेपर बहिष्कृत भारत में अंबेडकर जी ने मनुस्मृति को जलाने के कारण भी बताए थे,जो जन्मजात जातिवाद और वर्ण व्यवस्था के बढ़वा देना।

* उन्होंने कहा था कि मनुस्मृति को पूजने वाले अस्पर्श व्यवस्था बनाए रखने का एक तरिका है। जिसका विरोध करना चाहिए।

आगे उपस्थित नेताओं ने कहा कि मनुस्मृति में पशु बलि प्रथा, ऊंच-नीच, भेदभाव,छुआछूत, जातपात,स्त्रियों को समान ना देना, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग को शिक्षा से वंचित करना, इनको धन रखने की अनुमति ना देना, अच्छे कपड़ा नहीं पहनना जैसी कुर्तियां समाहित है। वर्तमान में केंद्र के सत्ता में बैठे लोग मनुस्मृति को फिर से देश में लागू करना चाहते हैं,ये वही लोग हैं जो देश की आजादी मिलने पर बाबा साहब ने संविधान की रचना किए थे जिसका विरोध आज के दौर में केंद्र के सत्ता में बैठे लोग विरोध किए थे और संविधान को जलाने के काम किए थे तथा पुनः (फिर से) देश में मनुस्मृति को लागू करना चाहते हैं लेकिन यहां उपस्थित सभी लोगों ने शपथ लिए हैं की मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन मनुस्मृति को पुनः देश में लागू होने नहीं देंगे।

इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिए की मनुस्मृति को नहीं मानेंगे। इस दहन में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नंदलाल रविदास जिला महासचिव महेन्द्र प्रसाद उपाध्यक्ष ललती देवी मंजू देवी भोला पासवान अति पिछड़ा अनुसूचित जनजाति संघर्ष मोर्चा के युवा जिलाध्यक्ष अविनाश चंद्रवंशी अशरफ मियां भोला पासवान कामता पासवान शशिकांत कुमार दिनेश पासवान नरेश पासवान सिगेश्वर पासवान आदि लोग शामिल हुए।

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