ककड़िया- नूरसराय, 30 जनवरी 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगण में विद्यालय के चेतना सत्र में विद्यार्थियों के प्रेरणास्त्रोत, युग-पुरुष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76 वीं पुण्यतिथि “बलिदान दिवस” के रूप में मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिक्षाविद् दिलीप कुमार ने किया, जबकि संचालन विद्वान शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने किया।
मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिक्षाविद् दिलीप कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रत्येक वर्ष बापू की पुण्यतिथि को ‘शहीदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। अहिंसा के सबसे बड़े प्रवर्तक थे महात्मा गांधी। इस दिन उनके आदर्शों को याद किया जाता है, जब मां भारती के इस महान सपूत ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। बापू के आदर्श एक समृद्ध व करुणामय समाज का निर्माण करने के लिए प्रेरित करते हैं। गांधी स्वयं एक दर्शन हैं। महात्मा गाँधी ने हमें सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह और समरसता का पाठ पढाया। गाँधी का जीवन-दर्शन सदियों तक मानव जाति का पथ प्रदर्शित करता रहेगा।
मौके पर शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि 30 जनवरी 1948 का दिन भारतीय इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की याद में 30 जनवरी को शहीदी दिवस मनाया जाता है। नाथूराम गोडसे ने आज ही के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। भारत की आज़ादी में गांधी जी ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। गांधी इस पूरी धरती का स्वाभिमान थे। वे सेवा की साधना थे। वे ईश्वर, देवता, अवतार, संत कुछ नहीं थे। वे तो इंसान और इंसानियत के नए संस्करण थे। उन्होंने शस्त्र की ताकत को सत्य की ताकत के सामने झुका दिया। बापू के बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। गांधी को समझा नहीं गया, इसलिए गांधी को माना नहीं, गांधी को माना नहीं गया इसलिए गांधी को मार डाला गया। सच पूछा जाए तो हमने हत्या गांधी की नहीं की, बल्कि एक प्रकार से आत्महत्या की। गांधी को मारकर राजनीति से हमने नीति को मार डाला, धर्म से धर्म के आदर्श की हत्या कर दी। आज के युग में भी महात्मा गांधी के अहिंसावादी विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने कहा- सत्य व अहिंसा के प्रति बापू के विचार ना केवल भारत का बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते हैं। गांधी जी ने अपना जीवन सत्य की खोज में समर्पित कर दिया। महात्मा गांधी ने विश्व की शांति, अंहिसा व सद्भाव का मार्ग दिखाया।
शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने कहा- भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। लोग उन्हे बापू के नाम से जानते हैं। गांधी जी, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायक हैं। गांधी जी के आदर्श, अहिंसा की प्रेरणा के सामने अंग्रेजों को भी हार माननी पड़ी थी।
शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने कहा- बापू ने एक पिता की तरह देश के हर नागरिक को लड़ाई-झगड़े व खून खराबे से दूर रहने व अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
मौके पर शिक्षिका पूजा कुमारी, रणजीत कुमार सिन्हा, सतीश कुमार, सुरेश कुमार, विश्व रंजन कुमार, छात्रा सोनाली कुमारी, जुली कुमारी, स्नेहा कुमारी, चांदनी कुमारी, नन्दनी कुमारी, साजन कुमारी, शिल्पी कुमारी, छात्र हीरामणि कुमार, वीरमणि कुमार, मोहन कुमार, रवीश कुमार, ललन कुमार, अजय कुमार, अंकित राज, आदित कुमार, हिमांशु कुमार आदि सहित विद्यालय परिवार के लोग उपस्थित रहे।