15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी को पता है कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था और आजादी की इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर साल धूमधाम से मनाते हैं।देश को आजाद करने से पहले 1946 में अंतरिम सरकार बनाई गई थी और इस अंतरिम सरकार का नेतृत्व जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। इस अंतरिम सरकार में 5 मुस्लिम सदस्य भी शामिल हुए थे ।4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में भारतीय स्वाधीनता विधेयक को पारित किया गया था और 15 जुलाई को बिना किसी संशोधन के हाउस ऑफ कॉमन के द्वारा 16 जुलाई को हाउस ऑफ लॉर्ड्स द्वारा पास कर दिया गया और 18 जुलाई 1947 को उस पर ब्रिटिश सम्राट के हस्ताक्षर कर दिए गए थे ।इसके अनुसार ही देश को 15 अगस्त 1947 को दो-दो डोमिनियन भारत और पाकिस्तान के रूप में विभाजित कर दिया गया था।14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान को स्वतंत्र किया गया और 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया और एक अलग देश बन गया।अंग्रेजों द्वारा 15 अगस्त को भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र कर दिया गया और इसी के कारण हर साल भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन से भारत एक स्वतंत्र देश बना था और स्वतंत्र देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद बनाए गए थे।हम सभी जानते है कि
देश के अमर शहीदों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश को आजाद कराया।लेकिन वर्तमान नेताओ , अफसरशाहो ने देश की सर्वांगीण प्रगति की ओर खास ध्यान नहीं दिया ।नेताओ और अधिकारियों ने अपने ऐशो आराम की सुविधाओ में वृद्धि कर जनता की गाढ़ी कमाई को जमकर लूटने का काम किया है । हां कुछ ईमानदार और संघर्षशील लोगो की बदौलत देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है।युवा वर्ग यदि ठान ले तो देश विकास की ओर अग्रसर होगा ।ज्ञात हो कि पिछले 75 साल में देश विकास के ज्यादातर मापदंडों पर काफी आगे बढ़ा है। लेकिन, यह भी सच है कि हम अपने लक्ष्य से वर्षों दूर हैं। देश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर, सोशल सेक्टर, इकॉनमी की दिशा में बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर हुए निवेश की रैंकिंग में भारत अफ्रीका के कई देशों से नीचे है। विकसित देशों की कतार में शामिल होने के लिए भारत को ऐसी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं चाहिए जो सबको आसानी से उपलब्ध हो।क्वालिटी एजुकेशन तक सबकी समान रूप से पहुंच होनी चाहिए। गरीबी से पूरी तरह छुटकारा मिलना चाहिए। सैनिटेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम हुआ है, लेकिन उसे लोगों की आदत में शामिल करने की अभी भी आवश्यकता है।साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण और कुपोषण आज भी हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ। जब तक इन चीजों पर ज्यादा निवेश नहीं होगा,भारत को विकास के अगले पायदान पर ले जाना मुश्किल है। किसी भी इकॉनमी के विकास का एक सबसे बड़ा संकेत तेज गति से शहरीकरण को माना जाता है। भारत की अधिकतर आबादी अभी भी गांवों में बसती है। अगर दुनिया के विकसित देशों से तुलना करें तो हम अभी काफी पीछे हैं। लेकिन शहरों में उनके लिए इतना इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। अर्बन मिशन और स्मार्ट सिटी योजना की प्रगति बहुत ही धीमी नजर आती है। दुनिया में सर्वाधिक युवा आबादी भारत में निवास करती है ।
एक बड़े विद्वान ने कहा है कि आप अगर किसी देश का प्रगति जानना चाहते है तो वहां के युवाओं के होठों पर कौन सा गीत है ।इस बात से उस देश का वर्तमान पता चलता है ।आज कुछ युवा वर्ग अपने होठों पर अश्लील गीत गुनगुनाते नजर आते है ।अच्छे गीतो का प्रचलन बढ़ना चाहिए । किसी भी देश के युवाओं में नई जोश और ऊर्जा है ।उनके आखों में नए भारत के सपने है ।
मगर युवाओं का कुछ वर्ग नशा के चपेट में भी है ।उनसे आग्रह है कि वे नशा का त्याग कर एक आदर्श युवा का परिचय दे ।भारत विविधताओं का देश है जहां विभिन्न जाति ,विभिन्न धर्म ,अनेकों संप्रदाय के लोग ,भिन्न बोली ,भिन्न भाषा ,भिन्न संस्कृति के लोग निवास करते है ।यहां के नौजवान नारा लगाते हैं कि भिन्न भाषा भिन्न भेष , भारत अपना एक देश। इसलिए अनेकता में एकता हमारे देश की पहचान है। भारत सदियों से विश्व गुरु रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय उदंतपुरी सहित अनेकों विश्वविद्यालय शिक्षण के प्रमुख केंद्र रहे हैं।देश को विकसित होने के लिए सामाजिक ,आर्थिक ,सांस्कृतिक एवं राजनैतिक रूप से मजबूत बनने की जरूरत है ।देश की जनता एवं युवा वर्ग यदि ठान ले कि हमे देश का नवनिर्माण करना है तो दुनिया के विकसित देशों में अपना देश भी शुमार होगा और पूरी दुनिया का सरताज बनेगा । अंत मैं कहना चाहूंगा कि हम सभी लोग मिलकर यह संकल्प ले कि देश को उन्नति के रास्ते पर ले जायेगे ।
आइए हम सब मिलकर नव भारत का निर्माण करें – दीपक कुमार
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