ककड़िया विद्यालय ने मनाया पृथ्वी दिवस, पौधा लगाकर लिया सुरक्षा का संकल्प. वर्ष दो पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा करें,पेड़ पौधे ही जीवन को सुरक्षित कर सकते हैं,बगैर पर्यावरण के हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते,प्लास्टिक पॉलीथिन का उपयोग बंद कर कपड़े के थैले का उपयोग करें
नूरसराय,ककड़िया 22 अप्रैल 2024 : स्थानीय मध्य विद्यालय ककड़िया के प्रांगन में सोमवार को पौधे लगाकर “विश्व पृथ्वी दिवस” मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर्यावरण प्रेमी दिलीप कुमार ने जबकि कार्यक्रम का संचालन शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने किया। मौके पर प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार के मार्गदर्शन में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया कि कम से कम प्रत्येक वर्ष दो पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा एवं देखभाल कर वृक्ष बनाएंगे, अपने आसपास के तालाब ,नदी, पोखर एवं अन्य जल स्रोतों को प्रदूषित नहीं करेंगे तथा इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करेंगे, अपने घर विद्यालय आसपास में वर्षा के जल संचय हेतु अपने परिवार के सदस्यों को प्रेरित करेंगे, बिजली का उपयोग आवश्यकता अनुसार ही करेंगे, अपने घर विद्यालय आस-पड़ोस को स्वक्ष रखेंगे, प्लास्टिक पॉलीथिन का उपयोग बंद कर कपड़े कागज के थैले का उपयोग करेंगे, जीव जंतुओं में पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम भाव रखेंगे समेत अन्य संकल्प शामिल है। मौके पर अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने कहा कि 22 अप्रैल 1970 से पर्यावरण, पृथ्वी और जीवन के संरक्षण के लिए प्रत्येक वर्ष पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम प्रकृति को बचाने और संरक्षित करने में मदद करें। क्योंकि पृथ्वी सभी जीवों के लिए जीवनदायिनी है। जीवन जीने के लिए जिन प्राकृतिक साधनों की जरूरत, एक पेड़, एक जानवर या फिर एक इंसान की होती है, वहीं पृथ्वी वह सब हमें प्रदान करती है। जबकि वक्त के साथ सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधनों का निरंतर दोहन हो रहा है, जिसके संरक्षण की आवश्यकता है। नहीं तो भविष्य में पृथ्वी पर मनुष्य का जीवित रह पाना मुश्किल हो जाएगा। पृथ्वी पर आक्सीजन, जल, भोजन और जीवन चक्र सुरक्षित रखने में वृक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों व छात्रों से अपने आसपास पेड़ जरूर लगाने का संदेश दिया।
मौके पर शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने पृथ्वी के वर्तमान स्वरूप पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि जनसंख्या विस्फोट व नगरीकरण पृथ्वी के भविष्य के लिए खतरनाक है। तालाबों, नदियों, झरनों के सूखने व विलुप्त होने के पीछे अंधाधुंध विकास ही कारण है। बगैर पर्यावरण के हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रुप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं, इसके लिए हमें बड़े बदलाव की जरुरत है। उन्होंने कहा- पौधे ही जीवन को सुरक्षित कर सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को जीवन में एक-एक पौधे का रोपण जरूर करना चाहिए। धरती को स्वस्थ रखने के लिए पौधों का महत्वपूर्ण भूमिका है।सुरेन्द्र कुमार ने प्रथ्वी और वृक्ष की महत्ता को बताया और कहा कि आज भी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन के मामले में अन्य विकसित देशों की तुलना में काफी न्यूनतम भारत का योगदान है। उन्होंने कहा कि ऐसे सार्थक आयोजन हर नागरिक व बच्चों को करनी चाहिए। पृथ्वी को घुटन हो रही है और पृथ्वी का दम घुट ना जाये इसके लिए समाज के हर तबके को हर व्यक्ति को छोटे और बड़े को जागरूक करना होगा। धरती बचेगी तो हीं हम बचेंगे।
सच्चिदानंद प्रसाद ने कहा कि पृथ्वी दिवस को लेकर देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है। इसके लिए लोगों को आगे आना होगा।मौके पर शिक्षक जितेन्द्र कुमार मेहता ने बच्चों को पृथ्वी के बारे में बताते हुए पृथ्वी के महत्व पर प्रकाश डाला और बच्चों को इसके लिए प्रेरित करते हुए पृथ्वी की रक्षा के लिए प्रदूषण नहीं फैलाने और अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने का आग्रह किया।शिक्षक मनुशेखर कुमार ने छात्राओं को विश्व पृथ्वी दिवस की बधाई दी एवं पर्यावरण के प्रति सचेत करते हुए पृथ्वी की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया।शिक्षक अरविन्द कुमार शुक्ला ने कहा कि यह परमात्मा की चेतावनी है कि यदि हम अपने रहन-सहन एवं कार्य करने की शैली को न बदलेंगे तो करोना जैसे अन्य संकटों का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों एवं वेदों में भी वातावरण एवं पृथ्वी के संरक्षण का संदेश दिया गया है।शिक्षक सतीश कुमार ने कहा कि वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं। अगर प्रत्येक मनुष्य एक पौधा भी लगाए तभी प्रकृति का अस्तित्व कायम रह सकता है।इस अवसर पर शिक्षक रणजीत कुमार सिंहा, शिक्षक अनुज कुमार, शिक्षक मो. रिज़वान आफ़ताब, मुकेश कुमार, शिक्षा सेवक रामजी चौधरी, बाल संसद के प्रधानमंत्री वीरमणि कुमार, छात्र-छात्रा स्नेहा कुमारी, चांदनी कुमारी, नन्दनी कुमारी, साजन कुमारी, शिल्पी कुमारी, छात्र हीरामणि कुमार, मोहन कुमार, रवीश कुमार, ललन कुमार, अजय कुमार, अंकित राज, आदित कुमार, हिमांशु कुमार आदि समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।