Saturday, December 21, 2024
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नगर परिषद राजगीर के घोटाले की जांच के लिए पीएमओ द्वारा डीएम को निर्देश

नगर परिषद राजगीर कार्यालय के वितीय अनियमितता, सामग्री क्रय घोटाला, टेंडर और विभागीय कार्य आदि के घोटाले की जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) ने नालंदा जिला पदाधिकारी को अधिकृत किया है। राजगीर नगर परिषद के पूर्व पार्षद श्याम किशोर भारती द्वारा वर्ष 2019 में ही पीएमओ में नगर परिषद राजगीर के वितीय अनियमितता, सामग्री क्रय घोटाला,अवैध नियुक्ति आदि की शिकायत दर्ज कराई थी। पीएमओ में शिकायत पीएमओ/ई/2019/0690713 दर्ज कराने के बाद जांच प्रकिया को बिहार सरकार को हस्तांतरित किया गया था लेकिन वित्त विभाग ने गलती से नगर विकास के जगह पंचायती राज विभाग को परिवाद सौंप दिया था,जिसपर पंचायती राज विभाग ने पुनः परिवाद को वित्त विभाग लौटा दिया और कालांतर में शिकायत की बिना जांच किये ही परिवाद को फरवरी 2020 में समाप्त कर दिया गया। बगैर किसी जांच के परिवाद को समाप्त होने के बाद पुनः पूर्व पार्षद श्याम किशोर भारती द्वारा पीएमओ में फरवरी 2020 में शिकायत पीएमओ/ई/2020/0072872दर्ज कराया गया जिसके उपरांत एक साल के लंबे इंतजार के बाद पीएमओ कार्यालय द्वारा पुनः नालंदा जिला पदाधिकारी को नगर परिषद के वितीय अनियमितता, घोटाला, फर्जी खरीददारी, अवैध नियुक्ति जांच का जिम्मा मिला है। पूर्व पार्षद द्वारा नगर परिषद कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार,वितीय लेनदेन में अनियमितता के साथ नगरपालिका बोर्ड और सशक्त कमिटी के आलोक में जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से करोड़ो के घोटाले का आरोप लगाया गया है। सामग्री क्रय,टेंडर और विभागीय कार्य मे भी नगरपालिका के कोष को लूटने का आरोप परिवाद में किया गया है। बाजार में जिस ट्रैक्टर की कीमत 6 लाख है उसे नगर परिषद द्वारा 9 लाख 70 हजार में खरीदा गया है।पानी टैंकर,डस्टबिन,वाहन,रिक्शा आदि की खरीददारी में कमीशन में बंदरबाट का आरोप लगाया गया है। योजनाओं के प्राक्कलन, विभागीय कार्य के नाम पर अवैध निकासी,बिना कार्य किये बिल निकासी कर नगरपालिका के आंतरिक एवँ अन्य मद में गबन किया गया है। नगरपालिका में फर्जी बहाली और मानदेय पर नियुक्ति के द्वारा भी अवैध निकासी हो रही है। पूर्व पार्षद श्याम किशोर भारती ने कहा कि नगर परिषद राजगीर द्वारा क्रियान्वयन किये जा रहे हर जनहित के कार्य मे भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसमे करोड़ो के घोटाले किये जा रहे हैं।बंदरबांट के इस खेल में अधिकारियों एवँ जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत है।

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