Saturday, September 21, 2024
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कार्यालयों में चक्कर लगाने की बजाय किसानों तक पहुंचें अधिकारी।

हरनौत – सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कार्यालयों का चक्कर लगाते लगाते किसान परेशान हो रहे हैं। इसीलिए अधिकारी खुद किसानों तक पहुंच कर सहायता राशि उपलब्ध कराएं। ताकि सरकार की योजनाओं पर किसानों का भरोसा कायम रहे। अमृत महोत्सव के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र में लाइव प्रसारण चल रहा था। किसानों को खेती के नई नई तकनीक के बारे में वैज्ञानिक व अधिकारी जानकारी दे रहे थे। मौके पर सांसद कौशलेंद्र कुमार किसानों के बीच उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि नालंदा के किसान काफी मेहनती हैं। अपनी मेहनत के बदौलत नेशनल व इंटरनेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। नालंदा के आलू अलग पहचान रखा बना रखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसानों की दिशा व दशा सुधारने में लगे हैं। किसानों को प्रोत्साहित कर आर्थिक उन्नति के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। बावजूद किसानों का बराबर शिकायत रहता है कि कार्यालयों का चक्कर लगाने में पसीना छूट जाता है। सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारी प्रयत्नशील रहें। समय-समय पर कार्यालय बुलाने की जगह किसानों के बीच खुद पहुंचकर सरकारी योजनाओं का लाभ दें। इससे किसानों में सरकारी योजनाओं के प्रति विश्वास बढ़ेगा। अमृत महोत्सव के मौके पर देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्र इंटरनेट के माध्यम से जुड़े थे। हरनौत में भी सैकड़ों महिला-पुरुष किसान केंद्रीय कृषि मंत्री व अधिकारियों वैज्ञानिकों का भाषण सुन रहे थे। किसानों को बताया गया कि आप सभी देश का रीढ़ हैं। किसानों का विकास के बिना देश का विकास असंभव है। किसान हमेशा नया प्रयोग करना सीखें। प्रकृति के साथ चलकर बदलाव करना बेहद जरूरी है। आज आदमी का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। ठीक इसी प्रकार उपजाऊ मिट्टी भी अस्वस्थ होती जा रही है। इससे निजात पाने के लिए किसानों को उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता का ख्याल रखना होगा। रासायनिक की जगह जैविक विधि पर जोर देना होगा। समय-समय पर मिट्टी जांच कराएं और वैज्ञानिकों की सलाह लेकर जरूरत के हिसाब से उर्वरक अथवा कीटनाशक का प्रयोग करें। छोटी-छोटी समस्याओं पर विशेष ध्यान दें। ताकि कम लागत में अधिक मुनाफा किया जा सके। खेती के प्रति ललक पैदा करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी व वैज्ञानिक खेतों तक पहुंचे। किसानों की समस्याओं को अभिलंब समाधान करें। मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ बृजेंदू कुमार, डॉ उमेश नारायण उमेश, डॉ संजीव रंजन, विभा रानी, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष रविकांत कुमार, मुखिया हरि नारायण सिंह, रौशन कुमार, राम टहल साब के अलावा सैकड़ों महिला-पुरुष किसान मौजूद थे।

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