जिला के प्रभारी सचिव -सह- मुख्यमंत्री के सचिव -सह- सचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग श्री अनुपम कुमार ने आज हरदेव भवन सभागार में जिला में क्रियान्वित बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कार्यों की समीक्षा की।बाढ़ निरोधी कार्यों से संबंधित सभी योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूरा करने का निर्देश दिया गया।अगर कोई योजना विभागीय स्तर पर प्रक्रिया के अंतर्गत लंबित है, तो तत्काल इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया।विगत दो-तीन वर्षों में जिला में बाढ़ के दौरान जहां भी तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसकी समेकित सूची के आधार पर अंचल अधिकारियों से स्थल जांच कराने को कहा गया। इसका उद्देश्य यह है कि कोई भी क्षतिग्रस्त तटबंध बाढ़ निरोधी कार्य से वंचित नहीं रहे। ऐसे शत-प्रतिशत तटबंध की मरम्मती ससमय कराना सुनिश्चित किया जाए। समेकित सूची से क्रियान्वित योजनाओं का मिलान करते हुए शत प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।आगामी वर्षा ऋतु से पहले बाढ़ निरोधी कार्यों के लिए सभी तैयारी समय से पूरा करने का निर्देश दिया गया।
जहाँ भी पुराने पुलों की ऊंचाई उच्चतम बाढ़ जलस्तर (हाईएस्ट फ्लड लेवल) से नीचे है,विशेष रूप से पंचाने नदी पर बने पुल, जहाँ बाढ़ के समय मे पानी पुलों के ऊपर से बहता है। ऐसे स्थलों पर हाईएस्ट फ्लड लेवल से अधिक ऊंचाई के नए पुलों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया।एसएच-78 (बिहटा-सरमेरा पथ) एवं अन्य नव निर्मित/निर्माणाधीन/प्रस्तावित सड़कों में बरसात के मौसम में पानी के बहाव को निर्बाध रखने के लिए जहाँ भी अतिरिक्त पुल/पुलियों की आवश्यकता हो, इसका सर्वे करने का निदेश बाढ़ नियंत्रण के सभी अभियंताओं को दिया गया।इसके लिए सड़क निर्माण से संबंधित सभी विभागों के कार्यपालक अभियंता के साथ बाढ़ नियंत्रण के कार्यपालक अभियंताओं की बैठक कर अतिरिक्त पुल/पुलिया की आवश्यकता के अनुसार आकलन कर प्रताव तैयार करने को कहा गया। सभी प्रस्तावित सड़कों में सभी उपयुक्त स्थलों पर पुल/पुलिया का प्रावधान सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया ताकि भविष्य में जल जमाव की समस्या नहीं हो।बैठक में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त एवं सभी बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे।