श्री योगेंद्र सिंह, जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा सड़क सुरक्षा समिति के साथ सडक सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक की गई। इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल आदि मौजूद थे। इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि 3 या 3 से अधिक लोगों को के घायल या मृत्यु होने के पश्चात एक संयुक्त जांच किया जाए, जिसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल मौजूद होंगे। जिला परिवहन पदाधिकारी को सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए किए गए सुरक्षात्मक उपाय करने का निर्देश दिया गया है। नालंदा जिले में परिवहन विभाग के द्वारा 5 चालक शिक्षण संस्थान खोले जा रहे है, जिसमें सरकार के द्वारा 2000000 अनुदान की राशि दी जाती है। इसमें गाड़ी चालक को ड्राइविंग का पूर्णत: प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला परिवहन पदाधिकारी को दुर्घटना की स्थिति में या अन्य आवश्यकतानुसार गाड़ी के लोकेशन पता करने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस का उपयोग करने को कहा गया है। पुलिस उपाधीक्षक यातायात के द्वारा बताया गया की इस वर्ष वाहन जांच अभियान के दौरान एक करोड़ रुपए से ज्यादा जुर्माना प्राप्त हुआ है। उनके द्वारा बताया गया कि शहरी क्षेत्र में 70% बाइक सवार के लगभग हेलमेट का प्रयोग करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में यह प्रतिशत और भी काम है।
इस पर जिला पदाधिकारी के महोदय के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई और निर्देश दिया गया कि हेलमेट का जांच अभियान तेजी से चलाया जाए ताकि सड़क दुर्घटना से हुई क्षति को कम किया जा सके। दुर्घटना करने वाले वाहन चालक को उचित दंड देने के अलावा उसे ड्राइविंग के लिए सही प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाए। जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा बताया गया कि दुर्घटना के दौरान घायल लोगो को तुरंत अस्पताल पहुंचाने मैं सहायता करने वालों को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि हाईवे पर अधिक से अधिक गति राडार को विस्थापित किया जाए, ताकि तेज गति के कारण सड़क दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सके। जिला शिक्षा पदाधिकारी को कक्षा 6 और उससे ऊपर के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक किया जाए और शिक्षकों को यातायात पुलिस के साथ इस पर परिचर्चा भी की जाए। सिविल सर्जन को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, जिससे सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जान बचायी जा सके। सिविल सर्जन को इस कार्य के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्स की पदस्थापना करने का निर्देश दिया है। कार्यपालक अभियंता को जिला में प्रत्येक सड़क पर गड्ढों और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उस उसे मरम्मत करने का निर्देश दिया है, उन्हें साईनेज, इंडिकेटर और स्ट्रीट लाइट को मरम्मत करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त जिला शिक्षा पदाधिकारी को जागरूकता फैलाने के लिए सड़क सुरक्षा दूत का भी चयन करने का निर्देश दिया