इन दिनों मघड़ा स्थिति शीमलाष्टमी मेला बंदोवस्ती के नाम पर संवेदक द्वारा सालों भर अवैध वसूली की जा रही है। पहले अंचल कार्यालय द्वारा इस मेला का बंदोवस्ती किया जाता था लेकिन नगर निगम क्षेत्र विस्तार होने के बाद वर्ष 2022 में शीतलाष्टमी मेला के लिए तीन दिनों का बंदोवस्ती किया गया था। इस वर्ष तीन दिवसीय मेला के लिए निगम द्वारा बंदोवस्ती की गई थी जिसमें आलोक कुमार ने सबसे अधिक 16 हजार की बोली लगाकर बंदोवस्ती को अपने नाम कर लिया था। लेकिन अब मेला के बाद सामान्य दिन में भी दुकानों से वसूली कर रहे हैं। लेकिन श्री शीतला संरक्षक पंडा कमिटी का आरोप है कि बंदोवस्ती के नाम पर संवेदक द्वारा सालों भर वसूली की जा रही है। जो गलत है। इस संबंध में कमिटी द्वारा नगर निगम एवं स्थानीय थाना को भी आवेदन दिया गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कमिटी के अध्यक्ष मृत्युंजय विशाल ने बताया कि मेला को छोड़ सामान्य दिन जो श्रद्धालु आते हैं और उस दौरान दुकान लगाने वालों से कमिटी द्वारा छोटी-मोटी राशि ली जाती है, इसी से मंदीर के व्यवस्था का संचालन होता है। यह प्रक्रिया सालों से चलता आ रहा है। लेकिन निगम से बंदोवस्ती होने के बाद अलोक कुमार द्वारा मनमानी की जा रही है। द्वारा आए दिन कमिटी के संवेदक को तंग किया जाता है और कभी-कभी पैसा भी छिन लिया जाता है।
अध्यक्ष ने बताया कि संवेदक द्वारा की जा रही गलत हरकत की जानकारी नगर आयुक्त को 29 मार्च को दिया गया था। इसके बाद जब कमिटी के संवेदक से पैसा छिना गया तो 21 जून को स्थानीय थाना को भी सूचना दी गई थी। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने मामले की छान-बीन करते हुए संवेदक आलोक कुमार पर उचित कार्रवाई करने की मांग निगम से की है। नगर आयुक्त तरनजोत सिंह ने बताया कि वसूली के संबंध में मंदीर कमिटी द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ है। इस संदर्भ में अंचल से पूर्व में किए जा रहे बंदोवस्ती की नियमावली मंगाया जा रहा है। नियम के अनुसार अगर संवेदक द्वारा अवैध रूप से वसूली साबित हुआ तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।