जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि देश के स्तर पर जब लोग पूछते हैं कि जो काम मैं पहले करता था कि भाजपा की जीत क्यों होती है? तो मैं बता दूं कि भाजपा के जीतने के 4 प्रमुख कारण हैं। वो है विचारधारा, जिसको आप हिंदुत्व कहते हैं, दूसरा है नेशनलिज्म (राष्ट्रवाद), तीसरा है लाभार्थी और चौथा है उनकी ऑर्गेनाइजेशनल और फाइनेंशियल ताकत। मैंने ये बताया कि अगर आपको भाजपा को हराना है तो किसी दल को, किसी नेता व गठबंधन को इन चार मजबूत किले-द्वार में से तीन को तोड़ना पड़ेगा। हमको बिहार को और बिहार की जनता को जिताना है। हमको भाजपा को नहीं हराना है। बिहार में भाजपा जीती भी है और हारी भी है। बिहार की जनता की स्थिति तो नहीं बदली। बिहार में लालू-नीतीश जीते भी हैं और हारे भी हैं। कांग्रेस जीती भी है और हारी भी है। हम लोगों ने यूपीए की सरकार देखी और 10 सालों तक एनडीए की सरकार भी देखी। इसके बावजूद बिहार से पलायन तो नहीं रुका, यहां से गरीबी तो नहीं मिटी। आपने 40 वर्षों तक कांग्रेस का भी राज देखा, भाजपा, नीतीश और लालू का भी राज देख रहे हैं। इसके बावजूद स्थिति तो नहीं सुधरी। जब तक आप समस्या के मूल को नहीं समझिएगा, जड़ को नहीं सुधारिएगा तब तक विकास संभव नहीं है।
बिहार में 5 वर्ष लोग परेशानी झेलते हैं, लेकिन वोट के दिन सभी समस्याओं को भूल जाति-धर्म के नाम पर करते हैं वोट: प्रशांत किशोर
मधुबनी के बेनीपट्टी में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जड़ में यहां के लोगों की वो प्रवृत्ति है, जहां आप 5 सालों तक अपनी समस्याओं से जूझते हैं, लड़ते हैं, गाते हैं, परेशान रहते हैं, लेकिन जिस दिन वोट देने जाते हैं उस दिन सारी समस्याओं को भूलकर जाति-धर्म के नाम पर, लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं। इसलिए आपकी समस्या सुलझती नहीं है।