जन सुराज पदयात्रा के दौरान एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर आप गांववासियों की समस्या अलग-अलग है, तो एक-दूसरे को देखकर वोट क्यों करते हैं? आप अपनी वोट की कीमत क्यों नहीं समझते हैं? आपको मैं दूसरे नेता की तरह मछली खिलाने नहीं आया हूं बल्कि मछली कैसे पकड़ा जाता है वह सिखाने आया हूं। मैं 100 दिनों से पैदल चल रहा हूं और लोगों को हाथ जोड़ कर समझा रहा हूं कि गांधी जी, बाबा साहब आप जनता को अधिकार दिए हैं वोट करने की। वोट उनको दीजिए जो आपके और आपके बच्चों को बेहतर शिक्षा-रोजगार के साधन उपलब्ध कराए। आपको समझ नहीं आ रहा है कि आपके पांच सौ रुपए के कारण आपके डेढ़ लाख का इंदिरा आवास आपको सही समय में नहीं मिला। अगर अगली बार कोई नेता आपको वोट के लिए पैसा दे तो उसे रख लीजिए, लेकिन जब वोट देने जाइए तो अपने बच्चों के भविष्य के नाम पर वोट दे कर आइए।
कोई पैसा दे तो रख लीजिए, वोट दीजिए अपने बच्चों के भविष्य के नाम पर
0
0
Previous article
RELATED ARTICLES