पर्यटन नगरी राजगीर के नेचर सफारी में ग्लास स्काई वाक को देखने के लिए हज़ारो की भीड़ प्रतिदिन जुट रही है। बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार द्वारा उदघाटन किये जाने के बाद ही इस ग्लास स्काई वाक के रोमांच का अनुभव लेने के लिए स्थानीय लोगो के साथ साथ पूरे बिहार,झारखंड सहित अन्य राज्यो के पर्यटक राजगीर आना शुरू कर दिए हैं। भीड़ का आलम यह है कि स्वर्ण भंडार के पास बना पार्किंग अब छोटा पड़ गया है।वाहनों को जयप्रकाश उद्यान के पास ही रोक दिया जाता है। कोरोना का खतरा हो या राजगीर में 38 डिग्री तापमान की तपिश, पर्यटक खुद को रोक नही पा रहे। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बावजूद पर्यटक स्काई वाक का आनंद लेने से चूकना नही चाहते। बढ़ती भीड़ स्थानीय प्रशासन के लिए भी चुनौती बनी हुई है।इंट्री टिकट की मारामारी में व्यवस्था में लगे सुरक्षाकर्मियों से हमेशा नोक झोंक की खबर भी जगजाहिर है। नेचर सफारी के एक सुरक्षा कर्मी के कोरोना संक्रमित होने के बाबजूद वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा कोई एहतियातन कदम नही उठाया गया है। हज़ारो की भीड़ कोरोना संक्रमण के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रही है। सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विद्यालयों के बन्द होने पर सोशल मीडिया पर लगातार लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं और क्रिया प्रतिक्रिया दे रहे हैं लेकिन हज़ारो की भीड़ पर सरकार और स्थानीय प्रशासन मौन धारण किये हुए है।
नेचर सफारी के चालू होने के बाद राजगीर में बाहरी पर्यटको के आगमन से यहां का पर्यटन उधोग कुछ जीवंत सा हुआ है लेकिन सरकार द्वारा एक बार फिर विद्यालयों के बन्द कर दिए जाने से दोबारा लॉकडाउन की असमंजस से पर्यटन नगरी के लोग सहमे हुए हैं। राजगीर शहर के शिक्षण संस्थान,व्यवसायी,फुटपाथी ,होटल,ई रिक्शा,ताँगा सहित हर आम एवँ खास लॉक डाउन के अंदेशा से चिंतित है। दबे जुवां हर कोई सरकार के मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है कि एक ओर नेचर सफारी के लिए हज़ारो लोग को खुला छोड़ दिया जाता है तो दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा आम लोगो पर तरह तरह की बंदिशें लगाई जाती है।