स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक साथ कई कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। सभी कार्यक्रमों को एक साथ धरातल पर उतारना विभाग के लिए चुनौती है। इससे निपटने के लिए शुक्रवार को सदर अस्पतालके सभागार में आयोजित टास्क फोर्स की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। विशेष तौर पर पल्स पोलियो के साथ-साथ कोविड नियंत्रण पर चर्चा की गई। क्योंकि कोविड के बढ़ते केस को लेकर एक बार फीर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसलिए जो भी कोविड टीकाकरण से छुटे लाभार्थी है या अभी तक जिन लोगों ने प्रकॉशन डोज नहीं लिए हैं उन्हें तलाश कर टीका दिया जाना है। इसलिए पल्स पोलियों अभियान के दौरान ही टीकाकरण से बंचित लाभार्थियों का सर्वे किया जाना है। सीएस डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि कोविड के बढ़ते केस की संभावना के बीच कई कार्यक्रम आयोजित किया जाना है, इसके लिए सभी अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर तरीके से काम करना होगा। कोविड टीकाकरण के बीच पल्स पोलियाे, एमडीए एवं दस्त नियंत्रण कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसके लिए अभी से ही तैयारी कर लें। इस माैके पर एसीएमओ डॉ. विजय कुमार सिंह, डीएस डॉ. आरएन प्रसाद, जिला वेक्टर बार्न डिजिज पदाधिकारी डॉ. रामकुमार प्रसाद, सीडीओ डॉ. राकेश कुमार, डीआईओ डॉ. राजेन्द्र चौधरी, गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम मोहन सहाय, डीईओ केशव प्रसाद के अलावे डब्लूएचओ, केयर इंडिया के अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे। अभियान के तहत किया जाएगा सर्वे
सीएस ने बताया कि विभाग द्वारा लाख प्रयास के बाद भी टीकाकरण में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। इसलिए पल्स पोलियों अभियान के दौरान ही पाेलियो कस टीका देने के साथ-साथ ही सर्वे किया जाना है। खासकर 12-14 वर्ष एवं बुस्टर डोज से बंचित लाभार्थी पर विशेष नजर रखना है। सर्वे के दौरान जो भी कोविड टीका से बंचित लाभार्थियों की सूची तैयार होगी उसे महाभियान चलाकर टीका देना सुनिश्चित करेंगे। कहीं से किसी प्रकार की समस्या होती है तो उसकी सूचना जिला को देंगे। डीआईओ डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि 12-14 साल एवं बुस्टर डोज से बंचित लाभार्थियों की संख्या काफी है। 12-14 साल के जितने लाभार्थियों की सूची तैयार की गई है उस अनुसार अभी टीकाकरण का औषत कम है। इसके अलावे 1 लाख 96 हजार 152 लोगों ने अभी तक बुस्टर डोज नहीं लिया है। जिसमें सबसे ज्यादा 1 लाख 86 हजार 230 सिटिजन, 7180 फ्रंटलाईन वर्कर एवं 2742 हेल्थ वर्कर शामिल हैं। 19-23 जुन तक चलने वाले पल्स पोलियो अभियान को लेकर भी चर्चा की गई। इसवार अभियान के दौरान छुटे हुए बच्चों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। जिस घर में स्वास्थ्य कर्मी दवा पिलाएगी वहां बाहर से आने वाले बच्चों की भी जानकारी लेंगे। अगर कहीं दवा नहीं दिया गया है तो उसे हर हाल में दवा पिलाना है। इस वार 5 लाख 43 हजार 88 बच्चों का लक्ष्य रखा गया है।
फाईलेरिया उन्न्मूलन कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए सीएस ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि देश से फाईलेरिया को मिटाना है। इसके लिए लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 7 जुलाई से एमडीए कार्यक्रम चलाया जाना है। लेकिन इसवार कागज पर नहीं बल्की धरातल पर दिखना चाहिए। पहले घर पर दवा बांट दिया जाता था लेकिन इसवार सभी स्वास्थ्यकर्मी नजर के सामने दवा खिलाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व में काफी शिकायत मिली थी, लेकिन इस वार काेई गलती नहीं होनी चाहिए। सीएस ने कहा कि 15-30 जूलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाना है। इस दौरान ओआरएस का घोल व जिंक टैबलेट वितरण करना है। लेकिन ओरआरएस उसी घरो में दिया जाना है जहां बच्चे हैं। प्रत्येक बच्चा को एक-एक पैकेट एवं जिन बच्चों को दस्त की समस्या है उन्हें दो पैकेट देना है।