बिहारशरीफ – संविदा कर्मियों को अचानक हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। खासकर कोरोना के समय में टीकाकरण के साथ-साथ सैम्पिलिंग भी प्रभावित रहा। हलांकि जहां-जहां नियमित कर्मी थे वहां टीकाकरण तो हुआ लेकिन सैम्पलिंग कार्य पूरी तरह प्रभावित रहा। एक भी आरटीपीसीआर व ट्रूनेट जांच के लिए सैम्पल नहीं लिया गया। हलांकि सदर अस्पताल दो सत्र पर टीकाकरण के साथ-साथ आॅफ लाईन के साथ एन्टीजेन जांच भी किया गया। लेकिन जिन लोगों को ऑन लाईन रिपोर्टिंग चाहिए उनका सैम्पल जांच नहीं किया गया। खासकर वैसे सेवा प्रभावित रहा जिसमें संविदा पर कार्यरत डाटा ऑपरेटर व एएनएम कार्यरत हैं। लेकिन सदर अस्पताल में सभी सुविधा संचालित रही। आेपीडी, इमरजेंसी सेवा जारी रहा। आने वाले मरीजो को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी। प्रसव कक्ष में भी कर्मी डियुटी पर पूरी मुस्तैदी से तैनात रही। ऐसे समय में विभाग को एनएचएम के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों के हड़तसल पर चले जाने के कारण जिले में कुछ जगहों पर सैम्पलिंग व कोविड टिकाकरण का कार्य प्रभावित रहा। टीकाकरण की बात करें तों सबसे ज्यादा परेशानी युवा लाभार्थियों को हुई। बुधवार को 18-44 साल के लाभार्थियों को नाया वैक्सीन कोवैक्सीन दिया जाना था। इसके लिए शहरी क्षेत्र में पांच सत्र आयोजित किए गए थे। सभी सत्र पर 200-200 लाभर्थियो के लिए प्लान तैयार किया गया था लेकिन सदर अस्पताल को छोड़ किसी भी सत्र पर 18 प्लस के लोगों को टिका नहीं दिया गया। हलांकि 45 से उपर के लाभार्थियों को सदर अस्पताल के अलावे कुछ अन्य पीएचसी में टीका दिया गया। डीआईओ डॉ. राम मोहन सहाय ने बताया कि हड़ताल के बारे में पुर्व से सूचना नहीं रहने के कारण सत्र आयोजित कर दिया गया था। लेकिन बाद में जानकारी मिली की एनएचएम के तहत कार्यरत कर्मी हड़ताल पर हैं। गुरूवार से सभी सत्रों पर काम शुरू करने कर योजना तैयार की जा रही है। ताकि टीकाकरण प्रभावित न हो। शहरी क्षेत्र में 18 प्लस के लाभार्थियो के लिए सदर अस्पताल समेत पांच सत्र पर टीकाकरण किया जाना था। लेकिन सदर अस्पताल को छोड़ किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र पर सत्र शुरू नहीं हो पाया। सभी केन्द्रों पर ताला लटका रहा। बंद होने की सूचना नहीं रहने के कारण घंटो लाभार्थी कतार में खड़े रहे। पहले टीका लेने के लिए लोग सुबह सात बजे से ही कतारबद्ध होने लगे थे। लेकिन 10 बजे तक केन्द्र नहीं खुलने के बाद लोग अपने-अपने घर चले गए। लाभार्थियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि जिन लोगों क रजिस्ट्रेशन बुधवार के लिए हुआ था उन लोगों को रजिस्ट्रेशन अब दुवारा कराना होगा। मनीष कुमार, स्वेता रानी, दिव्या कुमारी आदि ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए घंटों साईट खेलकर रखना पड़ता ताकि मौका मिलने पर रजिस्ट्रेशन कर सकें। काफी इंतजार के बाद रजिस्ट्रेशन हो पाया था लेकिन सब बेकार हो गया। बुधवार को सैम्पलिंग का कार्य भी प्रभावित रह। कोरोना काल में सैम्पल जांच नहीं होना खतरे को बढ़ावा देना है। ऐसी परिस्थिति में भी कहीं से भी सैम्पल कलेक्शन नहीं किया गया। हलांकि सदर अस्पताल में सिपाही भर्ती चयन कुछ लाभार्थियों को एन्टीजेन जांच किया गया लेकिन मैनुअल रिपोर्ट दिया गया। संविदा कर्मियों के हड़ताल के बाद सैम्पलिंग एवं टीकाकरण कार्य को जारी रखना अस्पताल प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती है। पिछले वार भी कोराना के दौरान इन लोगों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सीएस कार्यालय कमान संभाली थी और पूरे कुशलता के साथ कार्य किया था। देखना है कि इसवार अस्पताल प्रबंधन कार्यक्रम संचालन के लिए क्या व्यव्स्था करती है और कितना कारगर साबित होते हैं।
संविदा कर्मियो के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई, प्रबंधन के आगे चुनौती
0
67
RELATED ARTICLES
- Advertisment -