पानी के लिए पानी पानी हो रहे राजगीर नगर परिषद की प्यास अब लगता है कि भगवान भरोसे हीं है।राजगीर शहरी क्षेत्र में जिस तरह नगर परिषद पानी की आपूर्ति के लिए लापरवाह है शहरवासी पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं। शहर की पानी की व्यवस्था इतनी बद्दतर है कि अब सप्ताह एक या दो दिन बहुत मुश्किल से दस से बीस मिनट के लिए पानी की आपूर्ति हो पाती है। राजगीर के स्थानीय लोग अब मजबूरी वश बोतल बंद पानी खरीदने को मजबूर हो गए हैं। राजगीर शहर में पानी के जलस्तर में लगातार गिरावट से चापाकल के साथ बोरिंग भी फेल होने शुरू ही हुआ था कि बीते चार दिनों से चक्रवाती तूफान के असर से हो रही झमाझम बारिश ने पानी के जलस्तर को बढ़ा दिया है। जिनके घरों में चापाकल और बोरिंग फेल होने की सूचना थी,अब उनके यहॉं भी पानी चलने लगी है।इसके बाबजूद शहर के विभिन्न वार्डो में हज़ारो घरों के पानी की प्यास केवल नगर परिषद के जलापूर्ति से ही संभव है बाबजूद इसके शहर में पानी आपूर्ति दो दिनों से फिर ठप्प है।
विदित हो कि राजगीर में पानी की आपूर्ति बर्ष 2017 से ही नगर परिषद को पीएचईडी के द्वारा सौंप दिया गया था।पानी की आपूर्ति का जिम्मा मिलने के साथ ही नगर पंचायत द्वारा बर्ष 2017 में ही लगभग दो दर्जन लोगो की अवैध बहाली की गई, जिसमे अयोग्य लोगो के अलावे बिना किसी तकनीकी योग्यता के लोग बहाल कर दिए गए। अयोग्य लोगो को पानी आपूर्ति में लगाये जाने के बाद ही शहर की पानी आपूर्ति की व्यवस्था बीते कई दशकों में बद्दतर हालात में पहुंच चुकी है।
इस बीच अयोग्य लोगो के अवैध बहाली का मुद्दा सिर्फ नगर परिषद के वार्ड 7 के पार्षद अंजली कुमारी ही बार बार उठाती रही है लेकिन सभी उन्नीस लोगो की नगर परिषद की बोर्ड सिर्फ मौन धारण किये है। फिलहाल हर घर नल जल के पाइपलाइन बिछाने के लिए ही पीएचईडी विभाग जिम्मेवार है बाकी पानी की आपूर्ति के लिए आज भी नगर परिषद की लापरवाह व्यवस्था मौन धारण किये है।