वेन प्रखंड के मध्य विद्यालय शहरी वेन की सहायक शिक्षिका आशा लता कुमारी की सेवानिवृत्ति के अवसर पर विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन विद्यालय प्रांगण में विद्यालय परिवार के द्वारा किया गया। जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक रणजीत सिंह जी ने किया।
मौके पर समारोह में अध्यक्षता करते हुए भूतपूर्व शिक्षा उपनिदेशक रणजीत सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षिका आशालता कुमारी सिर्फ शिक्षिका ही नहीं एक अभिभावक की भूमिका में इस विद्यालय को सींचा है। इनमें कभी अहंकार नहीं देखा गया।
इस अवसर पर बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ नालंदा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षिका आशालता कुमारी जी एक कर्तव्यनिष्ठ, मृदृभाषी, सहृदय एवं विद्यालय के प्रति समर्पित शिक्षिका रही हैं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति हर किसी के लिए दुख भरा दिन होता है। क्योंकि एक लम्बे समय से एक तरह के काम के बाद लोगों को उस पेशा से इतना लगाव हो जाता है कि उस पेशा से अलग होना एक सजा से कम नहीं होती है। लेकिन हर काम के बाद जैसे लोग आराम करते हैं। उसी तरह सेवानिवृति के बाद भी एक नयी जिंदगी शुरू होगी।
शिक्षिका आशालता कुमारी जी का सेवाकाल सदा स्मरणीय रहेगा। क्योंकि वे अपने सेवाकाल में शिक्षा के प्रति कृतसंकल्पित रही हैं। उन्होंने कहा कि आज छात्रों एवं शिक्षकों के प्रति अच्छा व्यवहार ही है कि आज उनके सम्मान समारोह में प्रखंड के गणमान्य लोग एवं शिक्षक सहित ग्रामीण अभिभावक आज यहां मौजूद हैं, इससे बढ़कर और कुछ नहीं है। एक शिक्षिका को इतने संख्या में शिक्षकों एवं छात्रों द्वारा दिये जा रहे सम्मान ही इस बात की गवाही है कि इनका व्यवहार काफी मिलनसार व सम्मानजक रहा होगा।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सतीश प्रसाद ने कहा कि विदाई एक ऐसा शब्द है, जो जिसे सुनते ही लोगों के दिलों में करुणा भर जाती है। परंतु नियम के आगे सभी वेबस हैं। हर कोई को एक दिन आना है और इसी तरह जाना है। ये अपने व्यवहार के कारण यहां जितने भी दिन रही, सभी के दिलों में बसी रही। किसी के साथ कभी भेदभाव नहीं करते हमने देखा। वे हमेशा शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगी रही। आज उनकी विदाई समारोह में उमड़ी भारी भीड़ यह साबित कर रही है कि वे लोगों के दिलों में बसी थी। सहायक शिक्षिका आशालता कुमारी जी ने वर्ष 2015 से इस विद्यालय में अपना योगदान दिया और सभी शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ मधुर स्वभाव के साथ समन्वय स्थापित कर विद्यालय के सफलतापूर्वक संचालन किया। भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे हमेशा अपना अवकाश का क्षण कुशलतापूर्वक गुजारें।
सेवानिवृत्त शिक्षिका आशालता कुमारी जी ने मौके पर भरे कंठ से कहा कि वे प्रखंड के शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से मिले स्नेह व प्यार को कभी भूल नहीं पाएंगी। उन्होंने कहा कि विगत वर्षो से विद्यालय से जुड़े होने के कारण काफी अपनापन महसूस करती रही हूँ, इसे रोक पाना संभव नहीं होगा। वहीं विद्यालय परिवार एवं मित्रों से सम्मान स्वरूप उन्हें शॉल सहित अंगवस्त्र आदि विद्यालय परिवार के द्वारा भेंट किये गये। इसके साथ ही अन्य लोगों के द्वारा भी उन्हें उपहार भेंट किये गये। इतना ही नहीं दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भी अपने गुरु सेवानिवृत्त शिक्षिका आशालता कुमारी जी को भेंट समर्पित किया।
मौके पर उद्गार व्यक्त करनेवालों में प्रेम कुमार, विजय कुमार, संजय कुमार, रौशन कुमार, सत्येन्द्र प्रसाद, उमाशंकर चौधरी, घनश्याम प्रसाद, राजेश कुमार सहित विद्यालय परिवार के लोगों ने उद्गार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की छात्राओं के स्वागतगान से जबकि समापन विदाई गीत से की गई।