नवनियुक्त माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष एवं नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम,(पुरानी पेंशन की बहाली हेतु प्रतिबद्ध राष्ट्रीय संगठन) के जिला सलाहकार संजीत कुमार शर्मा ने आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर शनिवार को स्थानीय सोहसराय में शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के उनके वाजिब हक राज्यकर्मी की दर्जा समेत पुरानी पेंशन की मांग को अति शीघ्र पूरा करें अन्यथा बाध्य होकर संघ आंदोलन पर उतारू हो जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी स्वयं सरकार की होगी।।
उन्होंने नवनियुक्त शिक्षको का लंबित चार माह और उससे अधिक के वेतन शीघ्र भुगतान कराने की मांग की ,इसके अतिरिक्त उन्होंने विगत सितंबर अक्टूबर माह में जिला स्तरीय चुनावी प्रशिक्षण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों व कर्मियों को निर्धारित राशि मुहैया कराने समेत छुट्टी के दिनों में लिए जा रहे कार्यों के बदले क्षतिपूर्ति अवकाश घोषित करने की मांग की ,क्योंकि विगत प्रशिक्षण में अल्पतम वेतन व तीन -चार माह के बाद वेतन पाने वाले शिक्षकों व कर्मियों की माली हालत बदतर है व झाड़ू कश की भांति ऐसे में वो किसी से उधारी लेकर काम चला रहे हैं।
मौके पर संघ के जिला सचिव राणा रणजीत कुमार ने कहा कि एनपीएस से आच्छादित कर्मियों का सेवानिवृत्ति के पश्चात जो पेंशन निर्धारित किया जा रहा है कई बार वह अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दिए जाने वाले पेंशन से भी कम रहता है और इसकी राशि इतनी कम रहती है, जिससे सेवानिवृत्ति के उपरांत सेवानिवृत्त कर्मी के गुजर बसर करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि महंगाई की इस कठिन दौर में तथा उम्र के उस पड़ाव पर यदि सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन की राहत ना दी जाए तो उसका जीना दुर्लभ हो जाएगा और उसके मानवाधिकारों का हनन होगा इसलिए मानवाधिकार से जुड़े समस्त इकाईयों को इस समस्या पर स्वत संज्ञान लेनी चाहिए। इतना ही नहीं बिहार सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करके अपनी ही सामाजिक एवं कल्याणकारी छवि को स्वयं ही धूमिल कर रही है।