नालंदा के सांसद, श्री कौशलेन्द्र कुमार ने लोकसभा में नियम 377 के तहत देश में ‘‘वन नेशन, वन पॉवर टैरिफ पॉलिसी’’ का मामला उठाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार देश में सभी राज्यों को बिजली की आपूर्ति करती है, किन्तु सभी राज्यों को बिजली की दरें अलग-अलग निर्धारित कर रखा है। जिसके कारण विकसित प्रदेशों में तो बिजली खरीद की दरें काफी कम है। किन्तु बिहार जैसे पिछड़े राज्य को अधिक दर पर बिजली खरीदने के कारण उसके आंतरिक विकास में बाधा पहुँचा रही है। इसलिए केन्द्र सरकार का दायित्व बनता है कि देश के हर नागरिक का समान रूप से कल्याण करे। लेकिन यहाँ तो पक्षपात साफ-साफ नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार के मा.मुख्यमंत्री, श्री नीतीश कुमार जी इस बात को हमेशा से उठाते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की छठी बैठक में भी उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि देश में एक समान बिजली की दरें निर्धारित करने की जाये। अगर यह लागू होता है तो इससे बिहार जैसे अति गरीब राज्य को फायदा होगा।
सांसद श्री कुमार ने कहा कि बिहार आज देश के अन्य राज्यों से सबसे मंहगी बिजली खरीद रहा है। मसलन-पड़ोसी राज्य उड़ीसा को तो बिहार से आधे रेट पर बिजली दी जा रही है। बिहार को हर साल हजारों करोड़ रूपये बिजली पर अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं। पहले जहाँ 500-700 मेगावाट की खपत थी, वहाँ आज बिहार 6500-7000 मेगावाट बिजली खपत कर रहा है। जो पैसे विकास पर खर्च होने चाहिए, वह बिजली में खर्च हो रहा है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार अन्य राज्यों को सस्ती बिजली की यूनिट दरें मिलने के बजाए बिहार औसतन 52 पैसे अधिक दर पर प्रति यूनिट बिजली खरीदने में खर्च कर रहा है। आज देश में ‘‘एक राष्ट्र-एक टैक्स, एक देश-एक टेलीफोन बिल रेट’’ मा.प्रधानमंत्री जी का तो नारा है। अतः मैं सरकार से माँग करता हूँ कि देश में ‘‘वन नेशन, वन पॉवर टैरिफ पॉलिसी’’ को तुरन्त लागू किया जाये।