परोपकार एवं परमार्थ की प्रेरणा देता है ईद: राजीव रंजन
बिहारशरीफ: ईद के पावन मौके पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज जदयू जिलाध्यक्ष मो. अरशद के घर जाकर ईद की बधाई दी. इस मौके पर तमाम नालंदा वासियों को ईद की मुबारकबाद देते हुए उन्होंने कहा कि जिंदगी जब सारी खुशियों को स्वयं में समेटकर प्रस्तुति का बहाना मांगती है, तब ईद जैसा त्योहार आता है. ईद हमारे देश ही नहीं, दुनिया का एक विशिष्ट धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक त्योहार है.
उन्होंने कहा कि वास्तव में हिन्दु समाज में जो महत्व ‘दीपावली’ का है, ईसाइयों में ‘क्रिसमस’ का है, वही महत्व मुस्लिम समाज में ‘ईद’ का होता है. यह त्यौहार इस बात का सूचक है कि अब चारों तरफ खुशियों का सुवास फैलने वाला है, जो मनुष्य के जीवन को आनंद और उल्लास से भर देगा. ईद लोगों में बेपनाह खुशियां बांटती है और आपसी मोहब्बत का पैगाम देती है. ‘ईद’ का मतलब है एक ऐसी खुशी, जो बार-बार हमारे जीवन में आती है.
उन्होंने कहा कि सिर्फ अच्छे वस्त्र धारण करना और अच्छे पकवानों का सेवन करना ही ईद की प्रसन्नता नहीं बल्कि इसमें यह संदेश भी निहित है कि यदि खुशी प्राप्त करना चाहते हों तो इसका केवल यही उपाय है कि प्रभु को प्रसन्न कर लो. वह प्रसन्न हो गये तो फिर तुम्हारा हर दिन ईद-ही-ईद है.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि ईद मानव का खुदा से एवं स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का पर्व है. यह त्योहार परोपकार एवं परमार्थ की प्रेरणा का विलक्षण अवसर भी है. खुदा तभी प्रसन्न होते हैं, जब उसके जरूरतमंद बंदों की खिदमत की जाए, उनकी सेवा एवं सहयोग के उपक्रम किए जाएं. असल में ईद बुराइयों के विरुद्ध उठा एक प्रयत्न है. इसी से जिंदगी जीने का नया अंदाज मिलता है, औरों के दुख-द:र्द को बांटा जाता है तथा बिखरती मानवीय संवेदनाओं को जोड़ा जाता है. आनंद और उल्लास के इस सबसे मुखर त्योहार का उद्देश्य मानव को मानव से जोड़ना है. इस्लाम का बुनियादी उद्देश्य व्यक्तित्व का निर्माण है और ईद का त्योहार इसी के लिए बना है. धार्मिकता के साथ नैतिकता और इंसानियत की शिक्षा देने का यह विशिष्ट अवसर है.