Thursday, August 21, 2025
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बिहार के सभी जिलों में अवस्थित जिला निबंधन सह परामर्श केन्द्रों में कार्यरत सिंगल विंडो ऑपरेटर एवं मल्टी परपस असिस्टेंट बिहार विकास मिशन के वादाखिलाफी यानि अपने पुरानी मांगों को पूरा न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये। ज्ञातव्य है कि ये कर्मी अपनी पांचसूत्री मांगों को लेकर मार्च माह में भी हड़ताल किये थे। उस समय बिहार विकास मिशन के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक मिथिलेश मिश्र लिखित आश्वासन देकर हड़ताल स्थगित करवाया था। उनके पद पर रहते एक मांग पूरा हुआ। इन ऑपरेटरों के सिक्युरिटी मनी के रूप में काटी कई एक माह की राशि को वापस कर दिया गया। शेष मांगों पर प्रक्रिया चल ही रही थी कि श्री मिश्र का स्थानांतरण हो गया और इनकी मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब रिन्युअल न होने के नाम पर मानदेय में प्रति वर्ष होने वाले 10 प्रतिशत वृद्धि पर रोक लगा दी गई है और वेतन से रिकवरी किया गया है जिससे ये अल्प वेतनभोगी ऑपरेटरों में असंतोष भर गया है। उनका कहना है कि रिन्युवल करना विभाग का काम है। उसने समय पर रिन्युवल नहीं किया उसमें हम ऑपरेटर कहां से दोषी है। फिर हमें वेतन वृद्धि कर वेतन से कटौती की जा रही है जो कहीं से भी उचित नहीं है। एक तो विभाग अपना किया गया वादा पूरा नहीं कर रहा है और उपर से वेतन वृद्धि पर रोक के तानाशाही फरमान से आक्रोशित होकर पूरे बिहार के डीआरसीसी के ऑपरेटर बिहार राज्य सिंगल विंडो ऑपरेटर मल्टी परपस असिस्टेंट संघ के प्रदेश अध्यक्ष आकाश सिंह के आह्वान पर 10 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो गये।अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये डीआरसीसी के ऑपरेटर
जिलाध्यक्ष गीतांजलि सिन्हा ने बताया कि हमारी मांगों में संविदाकर्मियों पर चौधरी कमिटी की अनुशंसाओं को लागू करना, महंगाई के अनुसार मानदेय में कम से कम 10 हजार की वृद्धि, अपने गृह जिला के आस-पास स्थानांतरण तथा आकस्मिक अवकाश देने की प्रक्रिया में संशोधन आदि है जिसे एक समयावधि में पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया था लेकिन सात माह बीत जाने के बावजूद उस मांग पर अमल नहीं किया गया। मिडिया प्रभारी संजय विद्यार्थी ने बताया कि विभाग की हठधर्मिता के कारण ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की नौबत आई है। हमारे राज्यस्तरीय कमिटी के लोग लगातार अपनी मांगों को लेकर बिहार विकास मिशन में सम्पर्क करने की कोशिश करते रहे लेकिन मिलने तक का समय नहीं दिया जा रहा है फिर हमलोगों के पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। हम दूसरे का भविष्य संवार रहे हैं। मुख्यमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा कर रहे हैं लेकिन हमारा भविष्य ही अधर में है। जब तक हमारी मांगों को लागू नहीं किया जाता तब तक हम डीआरसीसी एवं बिहार शिक्षा वित्त निमग में कार्यरत सभी एसडब्लूओ एवं एमपीए हड़ताल पर डटे रहेंगे और बात नहीं मानी गई तो बिहार विकास मिशन कार्यालय पटना का घेराव भी करने जायेंगे।अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये डीआरसीसी के ऑपरेटर
ज्ञातव्य है कि डीआरसीसी में मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय में अतिमहत्वाकांक्षी योजना ‘आर्थिक हल, युवाओं को बल‘ के अन्तर्गत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम का कार्य होता है जिससे लाखों विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं। अभी सभी संकायों में नया नामांकन शुरू हो चुका है और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का भविष्य इस योजना से जुड़ा है। सरकार द्वारा साधारण ब्याज पर बच्चों को चार लाख तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यदि डीआरसीसी कर्मी हड़ताल पर गये तो लाखों बच्चों का भविष्य अधर में लटक जायेगा। गरीब बच्चे जो इस योजना से लाभ लेकर अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं उनका सपना धरा का धरा रह जायेगा क्योंकि समय पर ऋण उपलब्ध नहीं होने पर उनका परीक्षा फार्म भरा जाना भी मुश्किल हो जायेगा। मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना में भी लोग समय पर आवेदन नहीं कर पायेंगे न ही कम्प्यूटर सीखने वाले बच्चों को समय पर नामांकन हो पायेगा। अब देखना होगा कि सरकार इन डीआरसीसी कर्मियों की मांगों पर विचार करती है या फिर लाखों बच्चों का भविष्य को अधर में लटकने के लिए छोड़ देती है।

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