बिहारशरीफ़ : डीआरसीसी के ऑपरेटर का बेमियादी हड़ताल आज 18वें दिन भी जारी रहा। बिहार विकास मिशन के कानों पर जूँ नहीं रेंग रहा है और हड़तालकर्मी भी झुकने को तैयार नहीं हैं। बिहार विकास मिशन के द्वारा कार्य पर लौट आने का अल्टीमेटम का समय भी पूरा हो चुका है लेकिन हड़तालकर्मी टस से मस होने को तैयार नहीं हैं ।
इस सम्बन्ध में हड़तालकर्मियों का कहना है कि बिहार विकास मिशन जबतक हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करेगा हमलोग कार्य पर वापस नहीं आएँगे। अगर उनको लगता है कि उन्हें हमारी जरूरत नहीं है और हमारे बिना वैकल्पिक व्यवस्था से ही कार्य करा लेंगे तो करा लें और हमलोगों को बेल्ट्रॉन वापस कर दे। बिहार विकास मिशन के तानाशाही रवैया उचित नहीं है। अपने लिए गए निर्णय पर ही क़ायम नहीं है। मानदेय में 6 साल में अभी तक 7 हजार रूपये की वृद्धि की गई है। यह शोषण नहीं है तो और क्या है।
बिहार विकास मिशन के हठवादिता के कारण ही हमलोगों का दशहरा हड़ताल में ही गुजर गया अब दीपावली और छठ पर्व भी मना लेंगे। ज़ब घुट-घुट कर ही पर्व मनाना है तो मना लेंगे लेकिन शोषण बर्दास्त नहीं करेंगे। हमारा मनोबल कम नहीं हुआ है। हमलोग बिना माँग पूरा हुए काम पर वापस नहीं आएँगे। इसलिए हम सरकार से आग्रह करते हैं कि हमारी मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करे।