उद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के जिला में क्रियान्वयन को लेकर आज जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर एवं उद्योग विभाग के निदेशक हस्तकरघा एवं रेशम श्री विवेक रंजन मैत्रेय ने हरदेव भवन सभागार में उद्योग विभाग के पदाधिकारियों एवं बैंकर्स के साथ बैठक की। बताया गया कि उद्योग विभाग की योजनाओं का मुख्य उद्देश्य उत्पादन के साथ-साथ अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 470 के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 453 लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें से 453 लोगों को प्रथम किस्त, 240 लोगों को द्वितीय किस्त तथा 64 लाभुकों को तृतीय किस्त की राशि का भुगतान उनकी उत्पादन इकाई के प्रगति के आधार पर विभागीय प्रावधान के अनुरूप किया गया है। इनमें से तृतीय किस्त की राशि प्राप्त वर्तमान में 64 उत्पादन इकाई पूर्ण रूप से क्रियाशील है।
विभिन्न श्रेणी में मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 108, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के तहत 132, मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के तहत 107 तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत 106, कुल 453 लाभुकों को लाभान्वित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने प्रथम किस्त प्राप्त करने वाले लाभुकों को द्वितीय किस्त का भुगतान तथा द्वितीय किस्त प्राप्त करने वाले लाभुकों को निर्धारित प्रावधान के अनुरूप तृतीय किस्त के भुगतान में तेजी लाने का निर्देश दिया। इसके लिए सभी लाभुकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क स्थापित कर उनके उत्पादन इकाई का कार्य आगे बढ़ाते हुए देय क़िस्त की राशि का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि विभागीय स्तर पर कोई भी मामला अनावश्यक कारणों से लंबित नहीं होना चाहिए। अगर गलत मंशा से अनावश्यक विलंब किया जाएगा, तो संबंधित पदाधिकारी/कर्मी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई होगी।
निदेशक श्री मैत्रेय ने बिहार सरकार की स्टार्टअप नीति के तहत अधिक से अधिक लोगों को प्रावधान के अनुसार लाभन्वित कराने का निदेश दिया।इसके लिए स्टार्टअप नीति का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार कराने का भी निदेश दिया गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त, वरीय उपसमाहर्त्ता बैंकिंग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र,
जिला अग्रणी प्रबंधक, विभिन्न बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधक, सभी उद्योग विस्तार पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।