पेंशनर समाज नालन्दा का जिला स्तरीय 24 वां वार्षिक सम्मेलन संपन्न हुआ ● शिक्षकों की परेशानियों को भी प्राथमिकता से शिक्षा विभाग को देखना चाहिए ● सम्मेलन में पेंशनरों के हितार्थ के लिए लोगों को एकजुट रहने का आग्रह किया नालंदा 27 मार्च 2022 : बिहारशरीफ अनुमंडल परिसर में बिहार पेंशनर समाज जिला शाखा नालन्दा का जिला स्तरीय 24 वां वार्षिक सम्मेलन पेंशनर समाज के जिला अध्यक्ष चन्द्रसेन प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन उप विकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव ने मंगल दीप प्रज्वलित कर की। उप विकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव ने पेंशनरों को वर्तमान समय में हमेशा अपने सहयोगियों के साथ ही रहने की सलाह दी और सकारात्मक सोच के साथ खुश रहने की बात कही। सभी पेंशनरों के उज्वल भविष्य के लिए शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि पेंशनरों को कोई भी विभागीय समस्या हो तो बेझिझक मुझसे संपर्क करें तथा हर संभव समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करूंगा। इस मौके पर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बिहार पेंशनर समाज नालन्दा के जिला अध्यक्ष चन्द्रसेन प्रसाद सिन्हा ने स्थानीय मांगों को प्रमुखता से रखते हुए कहा कि भारत वर्ष में करोना के कारण गत वर्ष का सम्मेलन नहीं हो सका। आप सब जानते हैं कि “संघे शक्ति कलयुगे” आज बिना संघ के शक्ति के किसी भी कार्य का निष्पादन होना कठिन है। संघ की शक्ति अटूट सहयोग पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि सातवाँ वेतन आयोग के अनुशंसा के आलोक में दिनांक 01.04.2017 के प्रभाव से पुनरीक्षित नया पेंशन/पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया है, परंतु 01.01.2006 के पूर्व के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों का निष्पादन नहीं हो सका है। इसीलिए संगठन क्षोभ प्रकट करता है क्योंकि महालेखाकार बिहार, पटना द्वारा अभी तक प्राधिकार-पत्र जारी नहीं किया गया है। दिनांक 01.01.2006 के पूर्व सेवा निवृत कर्मियों का विशेषकर शिक्षकों का ग्रेड पे से 1 ग्रेड पे कम जोड़कर पेंशनर/पारिवारिक पेंशन पुनरीक्षण किया जा रहा है। फलस्वरूप सबों का 650, 750 एवं 1000 तक प्रतिमाह घाटा है। इसके लिए संगठन प्रयासरत है। मौके पर संघ के उपाध्यक्ष मो. तस्लीम उद्दीन ने कहा कि वित्त विभाग ज्ञापांक 6022, दिनांक 18.12.1989 से अब तक 32 वर्ष बीत चुके है, परंतु उसे लागू नहीं किया जा सका है, जिससे मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों में बहुत बड़ा निराशा है। 01.01.2009 से प्राथमिक शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को अन्य कर्मियों की भाँति 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्षों की सेवा पर लाभ देने का निर्णय लिया गया है। परंतु प्रवरण वेतनमान की तरह ही कार्य लंबित रह गया। यह घोर चिन्तनीय है। उन्होंने जिला पदाधिकारी नालंदा से अनुरोध किया है की बिहार सरकार के निर्णयानुसार जिला मुख्यालय शाखा बिहारशरीफ में शीघ्र ओल्ड एज होम का निर्माण कराया जाय। मौके पर शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य सह पेंशनर मित्र राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की परेशानियों को भी प्राथमिकता से शिक्षा विभाग को देखना चाहिए। क्योंकि शिक्षक, राष्ट्र निर्माण में अहम किरदार निभाते हैं और समाज के अगुआ हैं। अगर वह भी अपनी समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन तथा कार्यालयों का चक्कर लगाते रहेंगें तो कैसे चलेगा, लेकिन शिक्षक अपने हक के लिए हर आंदोलन के लिए हमेशा तैयार हैं। अगर शिक्षकों,कर्मचारियों व पेंशनरों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो उग्र से उग्र आंदोलन शिक्षक, कर्मचारी व पेंशनर अपने हक के लिए करेंगे जो शोभा नहीं देगा। पहले की तरह ही सेवानिवृत्त होने वाले कर्मी को सेवानिवृत्ति के दिन ही पेंशन लाभ का भुगतान किया जाना चाहिए। तथा वन रैंक वन पेंशन सभी कर्मचारियों पर लागू किया जाना चाहिए। संघ के संयुक्त सचिव हरेन्द्र चौधरी ने कहा कि आप सभी लोगों को पता है कि 01.01.2006 के पूर्व सेवा निवृत कर्मियों का वित्त विभाग के ज्ञापांक 820 दिनांक 23.09.2009 के अनुसार न्यूनतम पेंशन देने का पत्र निर्गत है। परंतु सरकार केन्द्र की भाँति न देकर 33 वर्षों की सेवा कम होने पर अनुपातिक पेंशन का निर्णय लिया है, इसके लिए राज्य पेंशनर समाज वर्ष 2016 में याचिका उच्च न्यायालय में दायर किया है, निर्णय अब तक लंबित है। संघ के उप कोषाध्यक्ष कृष्णम गिरी ने कहा कि वर्तमान समय में जिला शिक्षा कार्यालय में घोर भ्रष्टाचार व्याप्त है। प्रवरण वेतन मान के फ़िक़्शेसन, लेखा कार्यालय से सत्यापन के नाम पर मोटी राशि सेवानिवृत्त शिक्षकों से ऐंठी जा रही है। यह बहुत ही खेद की बात है। इस बुराई को दूर करने के लिए हम सभी कार्यरत शिक्षकों व सेवानिवृत्त शिक्षकों को एक जूट होकर लड़ना होगा। लेकिन कुछ लोग संघर्ष न कर कार्यलय में भेंट चढ़ाना ही ज्यादा हितकारी समझते हैं। इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिला सचिव रामखेलावन प्रसाद ने पिछले साल में संगठन द्वारा किये गये कार्यो का विस्तार से प्रकाश डालते हुए आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। जिसे सर्वानुमति से अनुमोदित किया गया। उन्होंने संगठन को मजबूत करने तथा पेंशनरों के हितार्थ एकजुट रहने का आग्रह भी किया। उन्होंने संबोधित करते हुए आव्हान किया कि पेंशनरों के हितों के लिये संगठन की मजबुती के लिये आपस में सभी सक्रियता से एक जुट रहें। सम्मेलन में उपस्थित 80 वर्ष से अधिक उम्र के पेंशनर जिनमें राजेंद्र प्रसाद, नागेश्वर प्रसाद, राम प्रकाश प्रसाद, केशो राम, रामदेव सिन्हा, श्याम सुंदर सिंह, सीताराम सिंह, श्रीमती कमला देवी, श्रीमती मालती देवी, श्री इंद्रदेव सिंह, श्रीमती शीला देवी, जतन देवी, वीरेंद्र प्रसाद, विष्णु प्रसाद, रामसेवक प्रसाद सिंह, कौशल्या देवी, रामचंद्र प्रसाद, श्याम सुंदर प्रसाद वर्मा, अलख देव सिंह, श्री राजेंद्र प्रसाद, बैजू प्रसाद, गिरवर धारी सिंह, सफी हैदर हादी, विशेश्वर राम, मो. मासूम आलम, केदार सिंह, जानकी प्रसाद सिंह, उज्जैर आलम, जीवलाल प्रसाद,महेंद्र प्रसाद, सत्यदेव प्रसाद शर्मा, रामरती देवी को अंगवस्त्र, छड़ी तथा प्रशस्ति-पत्र देकर कुल 32 पेंशनरों को सम्मानित किया गया। इस सम्मेलन में पेंशनर समाज नालन्दा के कोषाध्यक्ष सुरेश प्रसाद, शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य सह पेंशनर मित्र राकेश बिहारी शर्मा, विनोद प्रसाद सिंह, गेंदौरी चौधरी, सुरेश चन्द्र प्रसाद, गनौरी प्रसाद, अनिल प्रसाद, नवल किशोर पाण्डेय, किशोरी पंडित, यशोदा देवी, कपिलदेव प्रसाद, हरे कृष्णदेव प्रसाद, ईश्वर प्रसाद, दशरथ प्रसाद, रघुनन्दन प्रसाद, रामाश्रय दास, महेंद्र प्रसाद, अजब लाल, हरिनन्दन प्रसाद,नेमत खातून इत्यादि पेंशनर व शिक्षक नेता मौजूद थे।