पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले सभी अंगीभूत, संबंध और अल्पसंख्यक महाविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग की स्थिति जानने के लिए नालंदा कॉलेज में बैठक आयोजित की गई। ज़िले के अन्तर्गत 6 अंगीभूत, 2 अल्पसंख्यक एवं 17 संबंध कॉलेजों को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था। इस बारे में बताते हुए विश्वविद्यालय द्वारा नवनियुक्त नैक जिला नोडल पदाधिकारी डॉ रत्नेश अमन ने बताया की राज्य सरकार के निर्देश पर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के द्वारा पूर्वी पटना, पश्चिमी पटना एवं नालंदा में एक एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जिसका काम है की कॉलेजों की अद्यतन स्थिति एवं नैक ग्रेडिंग कराने में आ रही कठिनाई को समझा जा सके एवं विश्वविद्यालय के साथ साथ सरकार के स्तर पर इसको ठीक करने का प्रयास किया जाये।
डॉ अमन ने बताया की आज 15 कॉलेजों के प्राचार्य, आईक्यूएसी समन्वयक एवं नैक समन्वयक उपस्थित रहे। सबने सकारात्मक दृष्टिकोण से चीज़ों को समझा एवं जल्द से जल्द सभी ज़रूरी प्रक्रिया को करने का आश्वासन दिया। प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने कहा की आने वाले समय में सभी कॉलेजों के लिए नैक से ग्रेडिंग कराना जरुरी होगा जिसके लिये हम सभी तैयारी करें। उन्होंने उपस्थित सभी कॉलेजों को शुभकामनाएँ दीं। नालंदा कॉलेज के आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ. बिनीत लाल ने कहा कि बिहार के कुल 147 कॉलेजों के पास नैक की ग्रेडिंग है जिसमें नालंदा जिले से केवल 3 कॉलेज ही है। सभी कॉलेज के पास ग्रेडिंग हो इसके लिये हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। डॉ लाल ने बताया की जिन्होंने अभी तक प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की है वे अपने शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्रों के सहयोग से इस काम को आगे बढ़ायें। हम सभी एक दूसरे की मदद करते हुए अच्छा कर सकते हैं।
सभी डेटा को अच्छे से मेंटन करना, तकनीक का प्रयोग ज़्यादा से ज़्यादा करना, शिक्षण के साथ साथ ग़ैर शिक्षण कार्यों में भी सक्रिय रहना, परिसर को पर्यावरण संतुलन के अनुरूप बनाना, अधिक समितियों का निर्माण करना, विभागों को सक्रिय होकर काम करना जैसी काम करके अच्छा किया जा सकता है। वर्धमान महावीर कॉलेज पावापुरी जिसे कुछ दिन पहले नैक से बी ग्रेड हासिल हुआ है के प्राचार्य डॉ चन्द्रभूषण प्रसाद ने भी सदस्यों के बीच अपने अनुभव साझा किए। कॉलेज के नैक समन्वयक अनिर्बान चटर्जी ने नैक की तैयारी के शुरुआती चरणों में आने वाली समस्या के बारे में बताया एवं प्रत्येक साल रिपोर्ट बनाने में आने वाली मूलभूत समस्यायों के बारे में चर्चा किया।
विश्वविद्यालय के कॉलेजों में नैक से संबंधित कार्यों में मदद करने वाले डॉ सुमित कुमार ने कॉलेज में उपलब्ध सुविधाएँ को बेहतर एवं सर्वोत्तम तरीक़े से उपयोग करने की सलाह दी। कंप्यूटर विभाग के पुरुषोत्तम कुमार ने नैक के विभिन्न मानदंडों के बारे में विस्तार से बताया एवं कहा की हमें अपनी सकारात्मक चीजों को ज्यादा हाईलाइट करना है एवं उसी के अनुरूप तैयारी करनी है। बैठक में नालंदा कॉलेज के अलावे नालंदा महिला कॉलेज, सरदार पटेल कॉलेज, एसयू कॉलेज हिलसा, वर्धमान महावीर कॉलेज पावापूरी, महाबोधि कॉलेज, जीडीएम कॉलेज हरनौत, आरपीएस कॉलेज, महाबोधि कॉलेज, पीएमएस कॉलेज, आरलाल कॉलेज, देवशरण महिला कॉलेज के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया एवं अपने सुझाव दिये।