बिहार के महाविद्यालयों में मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा के समय जबकि छात्रों की पढ़ाई बाधित हो जाती है ऐसे में नालंदा कॉलेज में छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन माध्यम से कई कार्यक्रमों को आयोजित किया जा रहा है। अभी हाल ही में उत्तराखण्ड विधानसभा से समान नागरिक संहिता बिल पारित होने के बाद चर्चा में आये इस विषय पर राजनीति विज्ञान विभाग ने परिचर्चा का आयोजन किया जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार ने छात्रों को संबोधित किया। समान नागरिक संहिता पर बोलते हुए डॉ मनोज कुमार ने बताया कि यह कानून देश की माँग है और समाज को इसको सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए अपनाना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्तमान सरकार जिस तरह से सदियों की समस्यायों को आसानी से हल कर दे रही है तो निश्चित रूप से जल्द ही इस विषय पर भी क़ानून लेकर आएगी। डॉ मनोज ने कहा कि बहुत से लोग विविधता को ढाल बनाकर इसको रोकना चाहते हैं लेकिन देश के सभी नागरिकों में समानता का भाव रहे विशेषकर लैंगिक समानता अधिक सुदृढ़ हो इसके लिए जरुरी है कि समाज के द्वारा ही इस कानून के लिये सरकार पर दवाब बनाना चाहिए।
शहरों में लगातार बढ़ रहे समस्यायों एवं बेतरतीब विकास ने भारत में शहरीकरण की प्रवृत्तियाँ को भी चर्चा में ला दिया है इसी विषय पर भूगोल विभाग ने ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ आरती कुमारी ने वक्ता के रूप में छात्रों को संबोधित किया। पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति में डॉ आरती ने भारत में शहरीकरण के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को इंगित किया साथ ही शहरों का विकास स्थानीय जरूरतों के हिसाब से करने पर बल दिया और परंपरागत एवं आधुनिक विकास की तुलना करते हुए कहा कि अब जरुरी है कि जनसंख्या के बढ़ते दवाब को विकास के पैमाने में शामिल किया जाये।
दोनों ही ऑनलाइन परिचर्चा में छात्रों ने वक्ताओं से कई सवाल भी किए। प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने कहा कि इस तरह के ऑनलाइन परिचर्चा से छात्रों को लगातार जोड़े रखने का प्रयास किया जा रहा है। आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ बिनीत लाल ने कहा कि दोनों ही परिचर्चा समसायिक विषयों पर थे जिसमें छात्रों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। भूगोल विभाग की डॉ भावना, डॉ प्रीति, डॉ अनिल अकेला, राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ श्रवण कुमार, डॉ जगमोहन, डॉ राहुल कुमार ने भी वेबिनार में अपनी बातें रखीं। वेबिनार में नालंदा कॉलेज के अलावे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अलग अलग कॉलेजों के शिक्षकों एवं छात्रों ने भी भागीदारी की