Monday, December 23, 2024
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अन्तरराष्ट्रीय मगही कवि सम्मेलन में मगही को बिहार की द्वितीय राजभाषा बनाने की हुई मांग |

विश्व मगही परिषद् के तत्वावधान में अन्तरराष्ट्रीय मगही चौपाल के बैनर तले ‘पावस के संग मगहियन के उमंग ‘ विषयक 27 वाँ बेबीनाॅर मगही कवि सम्मेलन का आयोजन 25 जुलाई दिन रविवार के सायंकाल साढ़े छह बजे से नौ बजे तक हुआ जिसकी अध्यक्षता विश्व मगही परिषद् के अध्यक्ष डा0 भरत सिंह ने किया।डा0 भरत सिंह ने बताया कि विश्व मगही परिषद अपने लक्ष्य की दिशा में सतत गतिशील है।मगध क्षेत्र के राजनेताओं की भी रुचि मगही भाषा को अपना वाजिब हक दिलाने की दिशा में जगने लगी है । विश्व मगही परिषद् के महासचिव प्रोफेसर नगेन्द्र नारायण ने कहा कि मगही कवि सम्मेलन का अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन मगही के प्रचार-प्रसार के पथ में मील का पत्थर सिद्ध होगा। कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ गीतकार राजकुमार ने किया।कवि सम्मेलन का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया । कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि और कवियों का स्वागत डा0 दिलीप कुमार ने किया।डा0 दिलीप कुमार ने बताया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की संपूर्ण मगध क्षेत्र में अपनी खास ख्याति है।मगही भाषा के प्रति उनका प्रेम प्रशंसनीय है।डा0 दिलीप कुमार मगही भाषा को झारखंड प्रदेश की तरह बिहार में भी द्वितीय राजभाषा बनाने की मांग सरकार से किये।

अन्तरराष्ट्रीय मगही कवि सम्मेलन में मगही को बिहार की द्वितीय राजभाषा बनाने की हुई मांग |  अन्तरराष्ट्रीय मगही कवि सम्मेलन में मगही को बिहार की द्वितीय राजभाषा बनाने की हुई मांग |
मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मगही भाषा-साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए विश्व मगही परिषद की काफी सराहना किए।उन्होंने कहा कि मगही हमारी लोकभाषा है ।हमारी पहचान है । इन्होंने मगही भाषा को संस्कृत से भी पुरानी भाषा कहा।।मगही के विकास के लिए हरेक स्तर से सहयोग का संकल्प दोहराया। राजनैतिक स्तर से भी पहल पर बल दिया।।मुख्य अतिथि ने कहा कि हम माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मगही के सम्मान और मगही को द्वितीय राजभाषा बनाने केलिए निवेदन करेंगे। कवि सम्मेलन में मगही के वरिष्ठ कवि उमेश प्रसाद उमेश ने काव्य पाठ कर लोगों का दिल जीत लिया।तीन घंटे तक काव्य पाठ चलता रहा। भाग लेनेवाले कवियों में राजेन्द्र राज,नरेन्द्र प्रसाद सिंह, राजकुमार कवि, महेन्द्र प्रसाद देहाती और मणिकान्त मणि सावन की तरह रसमय काव्य फुहार बरसा कर खूब तालियाँ बटोरे । मगही के युवा कवि संजीव कुमार मुकेश, ओंकार कश्यप और गौतम कुमार सरगम के काव्य पाठ की काफी प्रशंसा हुई।मगही की कवयित्री कुमारी लता प्रसार और सिंधु कुमारी गीति की गंगा बहाईं। अन्तरराष्ट्रीय मगही कवि सम्मेलन में मगही को बिहार की द्वितीय राजभाषा बनाने की हुई मांग |
कवि सम्मेलन में दुबई से संतोष कुमार और नेपाल से फुलेगन मगही ने भी काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नेपाल के मगही कवि फुलेगन ने कहा कि नेपाल में भी मगही के विकास के लिए भरपूर प्रयास जारी है । कवि सम्मेलन में मगही लोकगीत गायन से प्रसिद्ध गायिका सिंगर वंदना और नामचीन गायक मनीष शर्मा ने श्रोताओं को सराबोर कर दिया। कवि सम्मेलन में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मगही के वरिष्ठ कवि लालमणि विक्रान्त ने इस कवि सम्मेलन को ऐतिहासिक बताया।

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