राजगीर:-बुजुर्ग बताते है आज जो नदी,तलाब, आहार, पैन, कुएं सूखे हैं वह पहले पानी के जिन्दा स्त्रोत हुआ करते थे। जमीन के नीचे गिरते जल स्तर के कई कारण है। प्रमुख कारण बढ़ती जनसंख्या। जनसंख्या अधिक तो पानी की खपत भी अधिक। शहरो के विकास कार्यों के लिये पानी की खपत भी बढ़ गई नतीजन जल स्तर का गिरना स्वाभाविक है। पक्के निर्माण होने से जमीन में पानी उतरने के बजाय सतह से बह जाता है।
]पहले गांव में दो-तीन तालाब हुआ करते थे जो वाटर हार्वेस्टिंग रिचार्ज का भी काम करते हुए गांव के कुएं चापाकल को जिंदा रखते थे। शहरीकरण के इस दौर में अधिकांश छोटे तालाब, आहार, पैन, में मकान बन जाने के कारण खत्म हो गए। अब वॉटर हार्वेस्टिंग रिचार्जिग पर अभी से कार्य शुरू करना होगा ताकि समय रहते जलस्तर बढ़ सकें।
जल स्तर को वापस ऊपर लाना है तो वाटर रिचार्जिंग का कार्य युद्ध स्तर पर करना पड़ेगा, अधिक से अधिक जगह पानी एकत्रित हो सके ऐसी योजना बनाना पड़ेगा, जहां भी संभव हो हर खुली जगह पर खुदाई कर छोटे-छोटे तालाब बनाने होंगे, पैन, आहार को अतिक्रमण मुक्त करना होगा, हर मकान की छत से बहते पानी को टंकी बोरिंग या कुआं जो भी उपलब्ध हो उसमें इकट्ठा करना होगा।
हर खेत में पानी एकत्रित होने की योजना रखनी होगी। खेतों में पानी देने के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम इस्तेमाल करने होंगे जिससे पानी की बचत हो सके। शहरों में पक्की सड़क से बहता पानी जमीन के नीचे कैसे उतरे इस पर कार्य करना होगा। जनता सरकार और स्थानीय निकाय को यह जिम्मेदारी उठाना होगी।