युवक से एक लाख पंद्रह हज़ार लेकर भोजपुरिया रेस्टोरेंट के मालिक लोकेश मिश्रा और रानी मिश्रा लेकर भी जॉब वीसा की जगह विजिट वीसा पर गैरकानूनी तरीके से बुलाकर शोषण किया और फिर एम्प्लॉयमेंट वीसा न देकर विजिट वीसा पर ही काम करने को बाध्य किया
यूं तो भारत से कई युवक बेहतर पैसे और रोजगार के लिए दुबई जाना चाहते है ये सोचकर की उनकी परिवार की आर्थिक समस्याएं एक साथ ख़तम हो जाएँग। लेकिन ग़ैरक़ानूनूनी ढंग से एजेंट और दुबई में बैठे रोजगार देनेवाले व्यवसायी इनसे ठगी भी करते हैं। ऐसा ही एक हादसा उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले के एक दलित युवक सुनील कुमार के साथ हुआ। सुनील पेशे से रेस्टोरेंट का चाट काउंटर का कारीगर है और भारत में लॉक डाउन के समय इसकी ३२ हज़ार प्रति माह की नौकरी चली गयी। बच्चों के इलाज़ और परिवार के भरड़ पोषण के लिए सुनील को क्रेडिट कार्ड से उधर लेना पड़ा और उसी को चुकाने के सपने सयोंजे उसकी मुलाकात दुबई के एक ठग से हो गयी जिसने दुबई के सोनपुर स्थित भोजपुरिया रेस्टोरेंट के मालिक लोकेश मिश्रा से इसकी मुलाकात करवाई। सुनील की १४ साल के एक्सपीरियंस को देखते हुए लोकेश ने उसे दुबई में उसे अपने भोजपुरिया रेस्टोरेंट में नौकरी का ऑफर लेटर दिया।
ऑफर लेटर के हिसाब से सुनील को चाट काउंटर सम्भलने की जिम्मेदारी दी गयी। लेकिन साथ ही मालिक ने कहा की उसे एक लाख पंद्रह हज़ार रूपए वीसा के खर्च के लिए देना पड़ेगा। सैलरी के लिए ३०००० रूपये प्रति माह और साथ में रहना खाना रेस्टोरेंट की मालिक के तरफ से करार हुआ। पहले तो सुनील ने ये कह कर मन कर दिया की उसके पास इतने पैसे नहीं है। लेकिन बाद में लोकेश ने कहा की लोन ले लो और सूद पर पैसे उठा कर उसके अकाउंट में पैसे डाल दो , दुबई आने पर ३-४ महीने में ही ये पैसे कमा लोगे।
सुनहरे ख्वाब लिए सुनील लोकेश मिश्रा के झांसे में आ गया और उसने लोकेश के अकाउंट में और लोकेश द्वारा बताये उसके मित्र सुभाष झा के भारत के बैंक अकाउंट में पैसे दाल दिए। इसके एवज में कुछ दिन बाद लोकेश ने सुनील को विजिट वीसा भेज दिया जो की सिर्फ तीन महीने का होता है और एक प्रकार का वीसा पर दुबई में नौकरी करना और करवाना गई क़ानूनी है।
लोकेश मिश्रा ने वादा किया की दुबई आते ही इस वीसा को एम्प्लॉयमेंट वीसा में बदलवा देगा। सुनील ने इस बात पर विश्वास किया और खुद का टिकट खरीदकर वो दिल्ली से दुबई ११ फरवरी २०२२ को आ गया। पैसे लेने के बावजूद लालची मालिक ने सुनील से रेस्टोरेंट के लिए करीब ५ हज़ार का सामान भी खरीद कर लाने को बोल दिया। चुकी ये सामान लखनऊ में नहीं मिला रहा था तो रेस्टोरेंट के मालिक ने उसे दिल्ली से खरीद कर दिल्ली से फ्लाइट लेने को कहा जिसकी वजह से सुनील को दिल्ली जाने के लिए अधिक किराया खर्च करना पड़ा ।
इस तरह से कर्ज लेकर अभी तक सुनील के १ लाख २० हज़ार खर्च हो गए। दुबई पहुँचते ही रेस्टोरेंट के मालिक लोकेश मिश्रा और रानी मिश्रा के जुल्म का कहर बरसाना शुरू कर दिया। सबसे पहले तो आते ही सुनील के पासपोर्ट को मालिक के जब्त कर लिया ताकि सुनील पूरी तरह उसके कब्ज़े में रहे। जिस चाट काउंटर के जॉब की बात हुयी वो नदारत था और सुनील से दूसरे काम कराये जाने लगे। बात बात पर रानी मिश्रा और रेस्टोरेंट के पुराने स्टाफ सुनील का शोषण करने लग। रमज़ान के महीने में १६ घंटे काम कराये गए। सुनील का ध्येय किसिस तरह अपने लिए हुए कर्ज उतारने थी इसीलिए वो ये सब सहता रहा।
सुनील ने जब अपने एम्प्लॉयमेंट वीसा की बात अपने मालिक से किया तो उसे बार बार टाल दिया जाने लगा। सुनील समझ चूका था की अब वो इस गिरोह के चल में बुरी तरह फँस गया ह। लोकेश बार बार बोलता था की उसकी पहुँच बड़े राजनीतिज्ञ और अधिकारिओ से है क्योंकि वो लोग इसके रेस्टोरेंट में आते रहते थे। लोकेश अपने आप को मजदूरों का मसीहा कहता था और ऐसी छवि समाज में बना रखा था। इस वजह से सुनील इसे अपनी किस्मत मानकर विदेशी धरती पर चुप रहना ही मुनासिब समझा। उसकी पत्नी रानी नौकर जैसा व्यवहार करती थी । बाथरूम साफ़ करने को बोलती थी। सुनील को पता चल चूका था रेस्टोरेंट में काम करने वाले और भी लोग इस परिवार से प्रताड़ित हो चुके थे। लोगों ने सलाह दिया की ये बड़े लोग हैं , अब फँस गए हो तो जैसा बोलै जा रहा है वैसा करते रहो।
इस बीच पहले दो महीने तक सुनील को कोई पगार नहीं दिया गया और बोला गया की एहि यहां का रिवाज़ है , दो महीने की सैलरी काम समाप्त होने के वक़्त जिया जायेगा और तब तक सिक्योरिटी मनी के रूप में मालिक के पास रहेगा। चुकी सुनील कर्ज से पैसे लेकर आया था इसीलिए हर महीने की क़िस्त अदायगी भारत में करनी पड़ती थी। सैलरी नहीं मिलने की स्थिति में सुनील पर और कर्ज बढ़ता गया। पहले नहीं बताया गया था की प्रथम दो महीने में पगार नहीं मिलेगी।
इस बीच सुनील के वीसा के तीन महीने की अवधि समाप्त होने के जब करीब आया तो लोकेश ने कहा की वो एम्प्लॉयमेंट वीसा जो की दो साल का होता है वो नहीं लगवायेगा और अगर काम करना है तो और स्टाफ की तरह उसका भी विजिट वीसा को फिर बढ़ा सकता है और उसके पैसे भी खुद सुनील को भरने होंगे।
इस बीच सुनील के काम से प्रभावित होकर दूसरे एक व्यापारी ने नौकरी का ऑफर दिया और साथ में दो साल का एम्प्लॉयमेंट वीसा देने के लिए तैयार हो गया।
जब सुनील ने अप्पने मालिक लोकेश से कहा की अगर वो दो साल का कानून के हिसाब से वीसा नहीं लगा सकता तो उसका पासपोर्ट लौटा दे ताकि वो दूसरी जगह काम कर के अपने कर्ज लौटा सके।
इस बात पर लोकेश भड़क गया और ज्यादा प्रताड़ित करने लगा, रानी मिश्रा और रेस्टोरेंट के पुराने कर्मचारी अलग अलग तरीके से यात्नाएँ देने लगे। न तो उसको खुद एम्प्लॉयमेंट वीसा दे रहे थे न ही किसी और के यहां काम करने दे रहे थे। मज़बूरी में सुनील को फिर से विजिट वीसा के लिए हामी भरनी पड़ी जो की एक महीने के लिए लगवा गया। दुबई में ये अपराध की श्रेणी में आता है इसीलिए सुनील वापस हिंदुस्तान लौटने पर मजबूर हुआ। इस पूरी प्रक्रिया में उसको मानसिक शारीरिक प्रतारणा के अलावे १ लाख २० हज़ार रूपए का सीधा नुक्सान हुआ। अगर वो हिंदुस्तान में ही रहता और जो कमाई करता वो पैसे जोड़ने पर और क़र्ज़ के सूद को जोड़ने पर सुनील ने कहा की उसका ३-४ लाख रूपये का नुक्सान हुआ
सुनील ने सामाजिक संश्थाओ से मदद की मांग की है और लोगों को आगाह भी करना चाहता है की दुबई में नौकरी के लिए मालिक से पहले से ही एम्प्लॉयमेंट वीसा ले के जाएँ नहीं तो प्रतारणा का शिकार होंगे। भारत का विदेश मंत्रालय लगत ऐसे एजेंटो पर करवाई करती रही है और इसके जिम्मेदार भोजपुरिया रेस्टोरेंट के दलाल लोकेश मिश्रा और रानी मिश्रा पर करवाई हो। इस एवज में सुनील ने लोगों से सहयोग की गुहार की है ताकि दोषियों को उचित सजा मिल सके और उसके पैसे वापस हो सके