डीआरसीसी के ऑपरेटर का अनिश्चितकालीन हड़ताल आज 16वें दिन भी जारी रहा। बिहार विकास मिशन वार्ता करने को तैयार नहीं है और हड़तालकर्मी बिना माँग पूरा हुए वापस आने को तैयार नहीं हैं।
हड़ताल के 11वें दिन बिहार विकास मिशन के द्वारा प्रत्येक हड़तालकर्मी को व्यक्तिगत रूप से पत्र जारी कर एक कार्यदिवस में कार्य पर लौट आने का अल्टीमेटम दिया है। कार्य पर नहीं लौटने पर एकरारनामा समाप्त करने की बात कही गई है।
इस सम्बन्ध में हड़तालकर्मियों का कहना है कि बिहार विकास मिशन के पत्र में सच्चाई नहीं है। हमलोगों को जून माह में यह कहकर प्रति वर्ष होने वाले मानदेय वृद्धि पर रोक लगा दिया गया है कि एकरारनामा का विस्तार नहीं हुआ है और अब धमकी भरा पत्र देना की काम पर नहीं लौटने पर एकरारनामा रद्द कर दिया जाएगा कितना हास्यास्पद है।
बिहार विकास मिशन का यह भी कहना है कि हमलोग हड़ताल के नाम पर कर्तव्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। इस बात में भी सच्चाई नहीं है। हमलोग हड़ताल पर जाने से 15 दिन पूर्व में ही सभी सक्षम पदाधिकारियों को सूचना भेज चुके हैं। बिहार विकास मिशन ने हमारे लेटर का हवाला देते हुए सभी जिले में वैकल्पिक व्यवस्था भी कर रखा है। अगर उस वैकल्पिक व्यवस्था से उनका काम नहीं हो रहा है तो उसके लिए हम लोग तो दोषी नहीं हैं। हमलोगों का दशहरा भी हड़ताल में ही गुजर गया लेकिन हमारा मनोबल कम नहीं हुआ है। हमलोग बिना माँग पूरा हुए काम पर वापस आने वाले नहीं हैं। चौधरी कमेटी की अनुशंसा लागू करने के लिए भी जनवरी में ही कमेटी लागू किया गया है जिसका रिपोर्ट 10 माह में नहीं आया है। आखिरी कब तक इंतज़ार किया जाए। मानदेय में 10 हजार रूपये की वृद्धि किया जाए और गृह जिले के आस-पास स्थानांतरण किया जाए। मार्च माह में विभाग ने जो निर्णय लिया है उसे लागू कर दे हमलोग काम पर वापस आ जाएंगे।
हम सरकार से आग्रह करते हैं कि हमारी मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करे।