बिहारशरीफ – जनसंख्या नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार नए-नए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि लोगों को जागरूक करते हुए परिवार नियोजन से संबंधित संासधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके। इसी कड़ी में सहयोगी संगठन पथपाईंडर द्वारा युवा कार्यक्रम के तहत सफल कपल के लिए नए दम्पत्तियों को जागरूक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को ममता इंटरनेशनल में सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के बीच कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीएस डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि शादी के बाद लोग तुरंत बच्चा चाहते हैं। लेकिन जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कितने बच्चे जरूरी है, पहला और दुसरा बच्चा का अंतराल कितना होना चाहिए था परिवार नियोजन के बारे में कोई नहींं सोचते हैं। इसके लिए जागरूक करने की जरूरत है। युवा द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम की सराहना ही तथ कहा कि नए दंपत्ती को अगर शुरूआती दौर से ही जागरूक किया जाय तो जनसंख्या नियंत्रण पर काफी हद तक सफलता पा सकते हैं। शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा जागरूकता की आवश्यकता है। इसके लिए आशा से संपर्क का कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. विजय कुमार सिंह, डीआईओ डॉ. राजेन्द्र चौधरी, डीपीएम ज्ञानेन्द्र शेखर, डीएस डॉ. सुजीत कुमार अकेला, केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. संजय महापात्रा, कार्यक्रम के स्टेट कॉडिनेटर ममता कुमारी, ज्योति कुमारी, शशिकांत कुमार, शैलेन्द्र कुमार, स्वस्थ्य प्रबंधक हेमंत कुमार, अनुराग सिन्हा, उज्जवल कुमार, अमीत कुमारी आदि उपस्थित थे।
एसीएमओ ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रति लोग शिक्षित समाज के लोग काफी जागरूक हुए हैं। अब दो बच्चा के बजाय एक ही बच्चा ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन अशिक्षित समाज में आज भी जागरूकता का आभाव है। इसे समाज को हम जागरूक करने में सफल हो जाते हैं तो अच्छी कामयाबी मिलेगी। प्रशिक्षक विजेन्द्र कुमार ने बताया कि युवा कार्यक्रम के माध्यम में अब तक विभिन्न प्रखंडों में 53283 कपल्स से संपर्क का परिवार नियोजन संबंधित सुविधओं को अपनाने की सलाह दी गई है। सबसे ज्यादा राजगीर में 5116 और सबसे कम परवलपुर में 31 नए कपल्स से संपर्क किया गया है। अबतक 61192 परामर्श सत्र का आयोजन किया गया है और 2760 लोगों ने विभिन्न संसाधनों को अपनाना शुरू कर दिया है। शशिकांत कुमार ने बताया कि दो प्रकार के कपल्स को हमलोग चिन्हीत करते हैं। पहला नए कपल्स जिन्हें पहला बच्चा 20 साल के उम्र में जरूरी है, इसकी जानकारी दी जाती है और दुसरा जो पहली वार माता-पिता बने हैं। उन्हें पहला और दुसरा बच्चा के लिए समय अंतराल की जानकारी देने के साथ-साथ इस बीच उनके लिए कौन सा संसाधन जरूरी है, इसकी जानकारी दी जाती है। युवा कार्यक्रम के तहत सुझाव देने के बाद 2760 लोग परिवार नियोजन से संबंधित संसाधनों को अपना रहे हैं। सबसे ज्यादा 1463 पुरूष और 165 महिलाएं कंडोम को पंसद की है। इसके अलावे आईयूसीडी के लिए 123, आईपीसी के लिए 57, एसटीआई के लिए 10, सीओसी के लिए 202 लोग सहमती जताएं हैं। इसके अलावे भी कई नए कपल्स अन्य संसाधनो को अपना रहे हैं।