● शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पीता है वह दहाड़ता है ● समतामूलक समाज के महान पथप्रदर्शक थे संतराम बीए,आज दिनांक 14 फरवरी 2021 को बिहार कुम्हार (प्रजापति) समन्वय समिति के द्वारा साठोपुर वियवानी स्थित प्रजापति समाज के भूमि पर संतराम बीए की 134 वीं जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता समिति के पूर्व अध्यक्ष जनार्दन पंडित ने किया।
उद्घाटन करते हुए जदयू जिलाध्यक्ष सियाशरण ठाकुर ने महात्मा संतराम बीए जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजली अर्पित कर तथा मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। मौके पर समारोह के अध्यक्षता करते हुए प्रजापति समिति के पूर्व अध्यक्ष जनार्दन पंडित ने कहा कि संतराम के पदाचिंहों पर चलकर ही सर्वसमाज का उत्थान हो सकता है। उन्होंने कहा कि अतिपिछडा समाज को एकजुट होकर संविधान निर्माता सभा के पिछड़ी जाति के एकमात्र प्रतिनिधि संतराम बीए के पदचिन्हों पर चलकर ही कमजोर वर्ग का सर्वांगीण विकास सम्भव है और हम लोगों को उनके बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिए। जयंती समारोह के उद्घाटन कर्ता जदयू के जिलाध्यक्ष माननीय सियाशरण ठाकुर ने उपस्थित लोगों को आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपने महापुरुषों को याद रखते हुए समाज को जोड़ने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रांत के होशियारपुर जैसे छोटे से गांव में जन्मे महामानव संतराम बीए जाति-पाति के खिलाफ काफी मुखर रहे और उन्होंने जाति तोड़क मंडल की स्थापना की थी। उन्होंने सर्व समाज को जागरूक करते हुए लोगों को संगठित और शिक्षित होने पर ज्यादा बल दिया। संतराम जी ने सर्वसमाज को एक दिशा दी है।
मौके पर समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पीता है वह दहाड़ता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक समानता के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दें जिससे बच्चे आगे चलकर अपना सर्वांगीण विकास कर सके। शिक्षा चेतना को भी जागृत करता है। महात्मा संतराम बीए जी समतामूलक समाज के महान पथ प्रदर्शक एवं समता के मसीहा थे। वे निर्भीक, निडर एवं बेबाक वक्ता ही नहीं बल्कि कलम के सिपाही भी थे। उन्होंने लेखिनी को ही अपने संघर्ष का अस्त्र-शस्त्र बनाकर राष्ट्र को जगाने का महान कार्य किया। संतराम बीए जी एक महान कर्मवीर सच्चे राष्ट्र निर्माता थे।मौके पर साहित्य मंडली शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि महात्मा संतराम बीए समाज एवं राष्ट्र के सजग प्रहरी थे। उनके जीवन में समाज एवं राष्ट्र हित ही सर्वोपरि था। उन्होंने हासिये पर धकेले गये लोगों को ज्ञान-विज्ञान की ऊर्जा से ताकतवर बनाने का कार्य किया। संतराम बीए जी का नाम सांस्कृतिक एवं सामाजिक आजादी की ज्योति जलाने वालों में बड़े ही अदब, सम्मान एवं क्रांति की मशाल के रूप में जाना जाता है।प्रजापति समन्वय समिति के सचिव सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षित होने और संगठित होने के साथ राजनीतिक पावर भी हाथ में होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो कौम राजनीति करती है, वह आगे जाती हैं और जो कौम राजनीति नहीं करती हैं, वह कौम समाप्त हो जाती हैं।इस अवसर पर जदयू के जिला महासचिव रंजीत कुमार, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद, सुरेन्द्र प्रसाद, किशोरी पंडित, अनुज पंडित,उपेंद्र पंडित, महेश पंडित, सुनील पंडित, प्रवीण कुमार, सौखी पंडित, कुंदन कुमार, अवधेश पंडित, श्याम पंडित, रवि पंडित सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।