स्थानीय ब्रिलियंट कान्वेंट के भव्य सभागार में शहर के प्रतिष्ठित डॉ अजय कुमार एमडी पैथोलॉजिस्ट के द्वारा विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षकों के बीच रक्तदाता जागरूकता अभियान पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ अजय कुमार ने सभी को रक्तदान जागरूकता के बारे में लोगों को नालंदा जिला में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है। उसी के तत्वाधान में उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान कहा जाता है आपके रक्त की एक बूंद किसी की जिंदगी को बचा सकती है। । सामान्य तौर पर खून दान करने के लिए 18 साल की उम्र से लेकर 65 साल की उम्र तक के व्यक्तियों को ही उपयुक्त माना जाता है और ताजा खून तीन से चौदह दिनों के बीच का होता है आगे उन्होंने बताया कि अपना ब्लड निकाल के तुरंत बाद दान न करें ।
इसके अलावा खून दान देने वाला व्यक्ति का वजन 50 किलो से ज्यादा होना चाहिए और व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए तभी रक्तदान करने के लिए कहा जाता है। ऐसे लोग जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर , डायबिटीज ऐसी बीमारी होती है उन्हें रक्तदान करने से मना किया। विद्यालय के निदेशक डॉ धनंजय कुमार ने कहा कि लोग रक्तदान करने से पीछे हटते हैं इतने लोगों के जीवन को अच्छा करने के लिए हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि हम अधिक से अधिक रक्त दान करें। विद्यालय के चेयरमैन डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि हम बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक गुण भी सिखाते हैं और हमारा यह उद्देश्य है की “कम टू लर्न एंड एग्जिट टू सर्व ” अर्थात विद्यालय के बच्चों में यह गुण होना चाहिए कि वह समाज में आगे जाकर कुछ नैतिक काम करें तथा लोगों के बीच स्वास्थ्य संबंधी वृक्ष रोपण संबंधी एवं सामाजिक कार्य कुशलता के प्रति प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह होता है कि आप ऐसे व्यक्ति को आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं जिसके लिए आपका