बिहारशरीफ – इस वर्ष खरीफ के लिए बेहतर समय माना जा रहा है। समय से बारिश होने के कारण एक तरफ बीज बुआई को लेकर किसानों को खुशी है। वहीं दुसरी तरफ खाद की कालेबाजारी की चिंता भी सता रही है। विभाग द्वारा उर्वरक की कालेबाजारी पर रोक लगाने के लिए निर्देश जारी होने बाद भी कुछ प्रखंडों से शिकायतें आने शुरू हो गई है। दो दिन पूर्व अस्थावां, सरमेरा व अन्य क्षेत्रो से कई किसान जिला कृषि कार्यालय पहुंचे तथा डीएओ को उर्वरक की हो रही कालेबाजी की जानकारी दी। किसानों ने बताया कि यूरिया 300 से 340 रुपए तक बेचा जा रहा है। मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएओ विभु विद्यार्थी ने सभी बीएओ को दुवारा आदेश जारी करते हुए मामले की जांच करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी बीएओ के उर्वरक बिक्रेताओं के गोदाम व प्रतिष्ठान का औचक निरीक्षण करें और अनियमितता पाई जाती है तो 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करें।
सुत्रों के मुताबिक उर्वरक कालेबाजारी में बड़े बिक्रेताओं का सबसे बड़ा हाथ होता है। क्योंकि खुदरा बिक्रेता उन्हीं लोगों का माल उठाते है जो उनका सहयोग करते हैं। अगर थोक बिक्रेताओं पर शिकंजा कस दिया जाय तो 50 प्रतिशत उर्वरक की कालेबाजरी थम जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे बड़े उर्वरक के सप्लायर हैं जो सीधा बड़े अधिकारियों से संपर्क में रहते हैं। इसी कारण कार्रवाई भी नहीं हो पाता है। पिछले वर्ष एक ही आधार नम्बर पर बड़ी संख्या में उर्वरक बेचने वाले दुकानदरों की लिस्ट तो तैयार की गई लेकिन पैरवी इतनी मजबुत थी कि एफआईआर की प्रक्रिया फाईलों में ही दब गई। देखना है कि इस वार उर्वरक की कालेबाजारी से विभाग किसानों को कितना राहत दिला पाती है।