कुमुद रंजन सिंह – – मेडिकल टर्म में इस तरह के बच्चों को कॉन ज्वाइन ट्वीन कहा जाता है.. जहां बच्चे जन्म से ही एक दूसरे से जुड़े रहते हैं. भारत सहित दुनिया मे तमाम ऐसे उदाहरण हैं जिसमें इस तरह से जुड़े बच्चों का विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन करके अलग किया गया है. लेकिन इस बच्ची को 4-4 हाथ-पैर, दो दिल, दो स्पाईनल कॉर्ड होने के साथ-साथ एक ही सिर था.
जन्म के बाद महज 20 मिनट तक ही जिंदा रही बच्ची.
छपरा
छपरा शहर के श्यामचक मुहल्ला स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में सोमवार 12 जून की रात एक विचित्र बच्ची ने जन्म लिया. इस बच्ची के 4-4 हाथ-पैर, दो दिल, स्पाइनल कॉर्ड थे, लेकिन एक ही सिर था. इस बच्ची का जन्म नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई, बल्कि सीजेरियन डिलीवरी से हुआ था. कुदरत का यह अजूबा अपने जन्म लेने के महज 20 मिनट तक ही जीवित रह पाया.
नर्सिंग होम संचालक चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार ने बताया, मेडिकल टर्म में इस तरह के बच्चों को कॉन ज्वाइन ट्वीन कहा जाता है.. जहां बच्चे जन्म से ही एक दूसरे से जुड़े रहते हैं. भारत सहित दुनिया मे तमाम ऐसे उदाहरण हैं जिसमें इस तरह से जुड़े बच्चों का विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन करके अलग किया गया है. लेकिन इस बच्ची को 4-4 हाथ-पैर, दो दिल, दो स्पाईनल कॉर्ड होने के साथ-साथ एक ही सिर था. यह बहुत कम लोगों में ऐसा देखने को मिलता है.
डॉक्टर के मुताबिक, ऐसा तब होता है जब महिला के गर्भाशय में एक ही अंडे से दो बच्चे बनते हैं. इस प्रक्रिया में समय रहते दोनों अलग हो गए तो जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन किसी कारणवश दोनों अलग नहीं हो पाते तो फिर उस परिस्थिति में ऐसे कॉन ज्वाइन ट्वीन बच्चों का जन्म होता है. उनके जन्म के समय भी गर्भवती महिला को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, ऑपरेशन के माध्यम से बच्ची का जन्म कराया गया. लेकिन 20 मिनट से कम ही समय में उसका मृत्यु हो गई.
इस बच्ची का जन्म होने के बाद लोगों के बीच यह मामला कौतूहल का विषय बन गया है. अजूबे बच्ची को जन्म देने वाली मां का नाम प्रिया देवी है, जो रिविलगंज की रहने वाली है. महिला का यह पहला बच्चा था. पहली बार गर्भवती हुई महिला की डिलीवरी को लेकर परिजन परेशान थे. जांच के उपरांत सिजेरियन से बच्ची की डिलीवरी करवाई गई.अन्यथा प्रसूता की भी जान को खतरा था. फिलहाल प्रसूति महिला स्वस्थ है. चिकित्सकीय देखरेख में उसका इलाज जारी है.