Sunday, July 6, 2025
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माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहे हैं बिहारशरीफ के सीओ,अवमानना दायर करने की तैयारी, इनके कार्यकाल की जांच की मांग

बिहारशरीफ  – बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल की घोषणाएं रैयतों को सुकून देने वाली हैं। पर अंचल अधिकारियों की स्वेच्छाचारिता भारी दिक्कतें पैदा कर रही हैं। सीएम के गृह जिला नालंदा में बिहारशरीफ के अंचल अधिकारी प्रभात रंजन अपने को ‘ऊपर का अफसर’ समझते हैं। ये माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का भी अनुपालन नहीं कर रहे हैं।
इसका सबसे ज्वलंत उदहारण है बिहारशरीफ अंचल के दीपनगर थानांतर्गत का पावा गांव है। यहां के कुछ लोग सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर निजी उपयोग में ला रहे हैं। यह अतिक्रमित जमीन मौजा पावा के अंतर्गत पड़ता है। इसका थाना नं- 310, खाता- 1323 प्लॉट नं- 1900 रकवा- 1 एकड 1 डिसमिल गैरमजरुआ आम नाला तथा थाना नं- 310, खाता- 108 प्लॉट नं- 2750 रकवा- 2 डिसमिल, खाता-221, प्लॉट नं – 2752, 2753, 2756 रकवा- 8 डिसमिल गैरमजरुआ वर्णित है। इसके आलोक में अंचल अधिकारी बिहारशरीफ द्वारा अतिक्रमण वाद संख्या- 32/ 2023-24 पारित किया गया है।
इस मामले में पावा गाँव के निवासी व स्थानीय समाजसेवी विशाल शंकर ने CWJC No. 6986 /2024 दायर कर सार्वजनिक हित में उपर्युक्त सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की याचना की। इस याचिका में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति/ न्यायाधीश मोहित कुमार शाह ने 11/ 07/ 2024 को अंचल अधिकारी बिहारशरीफ को 6 सप्ताह के अंदर उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का स्पष्ट आदेश दिया। याचिकाकर्ता विशाल शंकर ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश व अन्य वांछित कागज़ात अंचल अधिकारी बिहारशरीफ को नियत अवधि काल में उपलब्ध करा दिया। माननीय उच्च न्यायालय के इस आदेश को छह सप्ताह तो क्या छह माह होने को है, पर सी. ओ. ने उक्त आदेश का अनुपालन नहीं कर पाए हैं। इस सम्बन्ध में याचिकाकर्ता विशाल शंकर ने न्यायालय की अवमानना सम्बंधित वाद दायर करने के पूर्व जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को लिखित आवेदन देकर उक्त सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।
बिहार प्रदेश किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव कुमार मुन्ना ने आरोप लगाया है कि उक्त पावा मौजा के राजस्व कर्मचारी राम स्नेही साह पर गलत दाखिल ख़ारिज करने की प्राथमिकी महीनों पूर्व लहेरी थाना मे हो चुकी है। इसके बाद भी बिहारशरीफ के सीओ प्रभात रंजन द्वारा अभी तक कोई विभागीय कार्रवाई नहीं करने से स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं सीओ की मानसिकता सुशासन व कानून का राज के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इनके कार्यकाल की विस्तृत निष्पक्ष जांच कराई जाए तो पता चल जायेगा कि इनसे बिहारशरीफ अंचल के रैयत किस बुरी तरह त्रस्त हैँ।

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