जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि रूलिंग पार्टी JDU के अध्यक्ष ललन सिंह ने कुछ महीने पहले ये बयान दिया था कि बिहार के जितने पत्रकार जो सरकार के खिलाफ लिख रहे हैं ये शराब माफिया से जुड़े लोग हैं। पत्रकार जो लिख रहे हैं ये शराबबंदी के खिलाफ है। क्या बिहार के पत्रकार ऐसे हैं? JDU के अध्यक्ष ऐसा इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि उनके अंदर अहंकार आ गया है। JDU के नेताओं के अंदर इतना अहंकार आता कहां से है। लोकतंत्र में इतना अहंकार इन नेताओं के अंदर तब आता है जब उन्हें ये एहसास हो जाए कि हमारी कुर्सी जा नहीं सकती।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि पत्रकारों की हालत बिहार में वो है कि आप सबका दुख लिख सकते हैं अपना दुख छोड़कर। आज पत्रकारों की जो दुर्दशा है बिहार में वो बहुत खराब है। हम यहां एक साल से बिहार में घूम रहे हैं और पत्रकारों से मिल रहे हैं।
नीतीश कुमार को अहंकार हो गया है कि हमारी कुर्सी जा नहीं सकती : प्रशांत किशोर
नीतीश कुमार ने कहीं न कहीं ये सोच लिया है समझ लिया है और 2015 के बाद जो घटना हुई है नीतीश कुमार ने देखा कि जनता चाहे किसी को वोट दे चाहे वो RJD को दे कॉंग्रेस को दे या फिर निर्दलीय को दे घुमा-फिराकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही बनना है। इस बार नीतीश कुमार का अंतिम पारी चल रहा है जितने महीने बचें हैं वो जोड़ लें इसके बाद कोई गणित नहीं चलने वाला है।