बिहारशरीफ,7 मई 2022 : शुक्रवार की देरशाम बिहारशरीफ के होटल रॉयल पैलेश, दायरापर-बारहदरी मोहल्ले में जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष निसार अहमद की अध्यक्षता में देश की सांस्कृतिक धरोहर कौमी एकता को मजबूती प्रदान करने तथा सर्व धर्म सद्भाव का पैगाम मुल्क के लोगो को देने के मक़सद से ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख सभी एकत्रित होकर आपसी भाईचारे का परिचय दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के प्रदेश अध्यक्ष निसार अहमद ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस तरह से पूरे देश भर में हालात देखने को मिल रहे हैं। इससे बहुत बेहतर हमारे राज्य बिहार की व्यवस्था है। यहां सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं। दुर्गापूजा, होली, ईद या क्रिसमस भारत की साझी संस्कृति का हिस्सा रही हैं। चाहे वो किसी भी धर्म का त्योहार ही क्यों ना हो हम सभी एक साथ मिलकर मनाते रहे हैं और भाईचारे का परिचय देते हुए एक दूसरे को बधाइयां देते हैं। आज उसी परम्परा का निर्वहन करते हुए ईद के अवसर पर जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द नालंदा ने सभी धर्म के लोगों को एक साथ एक छत के नीचे लाकर आपसी भाईचारा और मुहब्बत का संदेश देने के लिए ईद मिलन समारोह का आयोजन किया है। आपकी उपस्थिति से यह आयोजन सफल हुआ ।
ईद मिलन समारोह के विशिष्ट अतिथि साहित्यिक मंडली शंखनाद के अध्यक्ष इतिहासकार प्रो. डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने बताया कि रमजान का पूरा महीना त्याग और तपस्या का महीना माना जाता है और लोग 30 दिनों तक रोजा रखने के साथ अल्लाह की निगेहबानी में अपने अन्दर की खामियों को त्याग कर अपने कुशल कर्मों द्वारा समाज में मुहब्बत और मदद का पैगाम बांटते है। एक महीने की तपस्या के बाद ईद का त्यौहार नेकी व अल्लाह में विश्वास रखने वाले सभी लोग मिलकर मनाते है। माह-ए-रमजान अल्लाह के बंदों के लिए जमात और जकात के साथ, एक दूसरे के प्रति प्रेम एवं सद्भाव का संदेश देता है। आज का यह समारोह हमारी परम्परागत सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है। समारोह के विशिष्ट अतिथि शंखनाद के वरीय सदस्य समाजसेवी सरदार वीर सिंह ने कहा कि हमारा देश विभिन्नताओं में एकता का देश है। हम सभी धर्म सम्प्रदाय के लोग एक साथ मिलजुल कर सभी पर्व त्यौहार मनाते हैं ताकि हमारी एकजुटता और आपसी भाईचारा बना रहे, जिसके लिए भारतवर्ष दुनिया भर में जाना जाता है। ईद नेकी और शांति का पैगाम लेकर आता है। इसे बनाए रखने की जरूरत है।
शंखनाद के महासचिव समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि यह देश सभी धर्म व वर्गों का देश है। उन्होंने कहा कि किसी भी मुल्क, समाज व कौम की तरक्की के लिए लोगों में आपसी प्रेम व सद्भाव जरूरी है।समारोह की अध्यक्षता करते हुए खालिद अनवर ने कहा कि ईद का दिन खुशी और ईश्वर को धन्यवाद करने का त्योहार है। रमजान के रोजों में एक सच्चा मुसलमान सुबह से शाम तक अल्लाह या ईश्वर की इच्छा के अनुसार भूखा रहता है। खाने-पीने की चीजें होने के बावजूद, वह उनसे मुंह मोड़ लेता है। शारीरिक इच्छाओं से दूर रहता है और अपने मन (नफस) को नियंत्रित करता है। उसके बाद ईद मनायी जाती है और लोगों में खुशियां बांटी जाती हैं।
मौके पर शिक्षा शास्त्री मो. जाहिद हुसैन ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का धर्म है। उसी धर्म को सर्वोपरि मानते हुए एक दूसरे से प्रेम व मदद करेंगे तो ही राष्ट्र मजबूत होगा।डॉ. कामेश्वर पासवान ने कहा कि ईद का पर्व आपस में मिलजुल कर रहने की प्रेरणा देता है। ईद का दिन नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने का दिन है।समारोह में समाजसेवी जाहिद अंसारी ने कहा कि यह बहुत पवित्र पर्व है। हिंदू-मुस्लिम-सिख-इसाई सभी एक साथ मिलकर इसे मनाने का संकल्प लें। उन्होंने सभी को ईद की बधाई देते हुए कहा कि सभी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर समय साथ चलेंगे तो राष्ट्र समृद्ध होगा और आपसी प्रेम बढ़ेगा।इस समारोह शहर गणमान्य बुद्धिजीवियों के साथ सीपीआई के राज्य परिषद् सदस्य मोहन प्रसाद, शंखनाद के मल्टीमीडिया प्रभारी नवनीत कृष्ण, बहुभाषाविद बेनाम गिलानी, मो. फारूक आजम, गुफरान नजर, मुजाहिर उल इस्लाम,मो. आरिफ, सलाम साहब, अधिवक्ता रुस्तम, माले नेता मकसूदन शर्मा, बिनोद रजक, पाल बिहारी लाल, नवल जी, सुनील कुमार, नसीरउद्दीन, विजय पांडेय, विजय कुमार पासवान सहित कई प्रबुद्धजन, समाजसेवियों एवं विभिन्न धर्मो के लोग उपस्थित हुए।