Friday, September 20, 2024
Homeधर्मराजगीर में स्थापित हो एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय~ सांसद कौशलेंद्र नियम 377 के...

राजगीर में स्थापित हो एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय~ सांसद कौशलेंद्र नियम 377 के तहत लोकसभा में उठाया मामला

नालंदा के मा0लोकसभा सदस्य, श्री कौशलेन्द्र कुमार ने नियम-377 के तहत लोकसभा में मामला उठाते हुए कहा कि नालंदा में राजगीर भारत का सबसे पवित्र एवं प्रसिद्ध रमणीय धार्मिक तीर्थ-स्थल माना जाता है। देव नगरी राजगीर सभी धर्मों की संगम-स्थली है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ विविध सांस्कृतियाँ देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। राजगीर का तो इतिहास सदियों पुराना है। राजगीर ब्रह्मा की पवित्र यज्ञ-भूमि, संस्कृति और वैभव का केन्द्र, जैन तीर्थकर महावीर और भगवान बुद्ध की साधना भूमि पाँच चट्टानी पहाड़ियों-जो विपुलगिरि, रत्नागिरि, उदयगिरि, स्वर्णगिरि और वैभारगिरि के हरे-भरे जंगलों के मनोरम छटा वाले पंच पहाड़ी से घिरा हुआ है। श्री कुमार ने कहा कि इन जंगलों में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का अपार भण्डार है। यहाँ का एक कुण्ड ऐसा है, जहाँ स्नान करने से चर्म-रोग ठीक हो जाता है। राजगीर आज ऐतिहासिक, धार्मिक प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल के साथ-साथ एक खूबसूरत हेल्थ-रिसार्ट के रूप में भी लोकप्रिय है।उन्होंने कहा कि राजगीर के सभी 22 कुण्ड और 52 धाराओं के पानी को पवित्र और औषधीय-गुणों से युक्त माना जाता है। लोग इन कुण्डों में स्नान कर स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। यहाँ आयुर्वेद के महान् उपचारक ऋषि जीवक अपने उपचार केन्द्र की स्थापना किए थे और कठिन से कठिन असाध्य रोगों का उपचार उनके द्वारा किया जाता था। राजगीर प्रारम्भिक चिकित्सा का प्रसिद्ध केन्द्र माना जाता था। मा. सांसद महोदय ने केद्रीय आयुष मंत्री जी से माँग करते हुए कहा कि राजगीर में एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना करने की मंजूरी प्रदान की जाये।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments