Monday, December 23, 2024
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अखिल भारतीय नाई संघ (ट्रेड यूनियन) ने अपनी मांगों के लिए बैठक की

● सैलून कर्मी को राज्य सरकार शीघ्र आर्थिक सहायता करे
● कोरोना काल में सरकार सैलून कर्मी परिवारों की सुध ले
● लॉक डाउन में अखिल भारतीय नाई संघ ने समस्याओं के निवारणार्थ बैठक की

बिहारशरीफ-नालंदा, 16 मई 2021 : अखिल भारतीय नाई संघ (ट्रेड यूनियन) नालंदा के बैनर तले वेबिनार के माध्यम से जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार शर्मा की अध्यक्षता में वैश्विक महामारी कोविङ-19 के दुसरी लहर के चलते लॉक डाउन में सैलून कर्मी (नाई) की समस्याओं के निवारणार्थ बैठक की गई। मौके पर अध्यक्षीय संबोधन में अखिल भारतीय नाई संघ (ट्रेड यूनियन) के जिला अध्यक्ष रंजीत कुमार शर्मा ने कहा कि द्वितीय वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के कारण सभी सैलून एवं ब्यूटी पार्लर बंद है। नाई संघ ने कोरोना काल में जिलाधिकारी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता की माँग कई बार किया है, लेकिन आजतक सरकार द्वारा कोई लाभ नहीं मिला है। सैलून कर्मी (नाई) भाई कोरोना काल में आर्थिक रूप से काफी प्रभावित हैं। इन लोगों का काम पूरी तरह से ठप है। और इन लोगों को जीवन यापन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। लोग निराश और हताश हो रहे हैं। इन लोगों को शीघ्र आर्थिक सहायता की जरूरत है। स्थिति को देखते हुए सैलून कर्मी को राज्य सरकार द्वारा शीघ्र दस-दस हजार रुपए आर्थिक सहायता दिया जाए।

अखिल भारतीय नाई संघ (ट्रेड यूनियन) ने अपनी मांगों के लिए बैठक की

मौके पर वेबिनार के माध्यम से अखिल भारतीय नाई संघ के जिला संयोजक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि इस वैश्विक महामारी कोविङ-19 की दूसरी लहर ने पूरे देश को प्रभावित किया है। बिहार में भी कोविङ-19 का व्यापक प्रभाव है। राज्य में अब तक इस वैश्विक महामारी कोविङ-19 की दूसरी लहर से हजारों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। कोविङ-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर से व्यापक तैयारी की है। इस क्रम में इस बार राज्य में लॉक डाउन की गई है। ऐसे तो लॉक डाउन की अवधि में सभी वर्ग के लोग आर्थिक रूप से प्रभावित होते हैं। लेकिन इस लॉक डाउन अवधि में सबसे ज्यादा प्रभावित सैलून कर्मी (नाई) भाई ही हैं। काम और रोजगार के अभाव में ऐसे लोगों के समक्ष घोर आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गई है। उनके परिवार में भोजन के भी लाले पड़ने लगे हैं। ऐसे परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सभी दुकानों में ताले लटके हैं। दुकान का किराया और बिजली बिल भी बढ़ रहा है।बिहारशरीफ शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में करीब एक हजार सैलून है, जबकि पूरे जिला में भी सैकड़ों सैलून हैं। इन सैलूनों में हजारों लोग काम करते हैं। इस लिए लॉकडाउन की अवधि में इन लोगों को जीवन यापन करने के लिए सरकारी स्तर से आर्थिक मदद मिले तो जीवन खुशहाल हो जाएगा। सरकार ऐसे परिवारों की सुध ले और उन्हें राहत प्रदान करें।
इस वेबिनार में मंटु ठाकुर, राजेश ठाकुर, बब्लू कुमार शर्मा, प्रमेन्द्र शर्मा, संजीव कुमार शर्मा, जगदीश शर्मा, जनार्दन ठाकुर सहित कई लोग शामिल हुए।

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