बिहार थाना क्षेत्र इलाके के अस्पताल चौराहा पर दीपनगर मंडल कारा में बंद कैदी राजू कुमार की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल चौराहा को जामकर आगजनी करते हुए जमकर बवाल काटा। इस दौरान आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल चौराहा पर वाहनों पर हल्का रोड़ेबाजी भी की।उग्र परिजनों ने मौके पर पहुंची बिहार थाना पुलिस को भी खदेड़ दिया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद सदर डीएसपी नरूल हक मौके पर पहुंचे और उग्र परिजनों को समझने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और उग्र परिजनों के बीच नोक झोंक भी हुई। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सदर डीएसपी नरुल हक ने खुद मोर्चा संभालते हुए पिस्तौल निकालकर उग्र भीड़ को खदेड़ दिया। जिसके बाद जाम हटाया जा सका।
दो घंटे तक अस्पताल चौराहा को जाम रखने से पूरी तरह से यात्रियों को परेशानी हुई। परिजनों का आरोप है कि बिहार थाना पुलिस द्वारा शक के आधार पर राजू कुमार को थाने में बंद कर बेरहमी से पिटाई की। जिससे उसकी मौत हुई। परिजनों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की है। पिछले 10 मार्च को बिहार थाना पुलिस ने नईसराय गौरागढ़ इलाके से ब्राउन शुगर मामले में छह युवकों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने 45 पुरिया ब्राउन शुगर 35000 रुपए नगद और मोबाइल भी बरामद किया था। इसी मामले में दीपनगर मॉडल कारा में बंद कैदी राजू कुमार की शुक्रवार की पहले सुबह मौत हो गई। परिजनों ने इस घटना को लेकर बिहार थाना की पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों की माने तो बिहार थाना की पुलिस ने राजू कुमार को शक के आधार पर गिरफ्तार करने के बाद 72 घंटे तक थाने के अंदर ही बुरी तरह से पिटाई की गई थी।
उसके बाद उसे दीपनगर मंडल कारा भेज दिया गया था। मृतक कैदी राजू कुमार के शरीर पर कई जख्म के निशान अभी भी देखे जा सकते हैं। परिजनों के मुताबिक पिछले 10 मार्च को बिहार थाना की पुलिस ने नईसराय गौरागढ़ इलाके से 6 युवकों को गिरफ्तार किया था। जिसमें राजू कुमार को भी शक के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वही इस घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। परिजनों ने इलाज में कोताही बरतने का भी आरोप लगाया है। परिजनों ने अस्पताल चौराहा को जामकर जमकर हंगामा किया।वहीं जेल सुपरिंटेंडेंट ने कैदी की मौत के पीछे की वजह को खून की दस्त होने की बात कही है।