15 अप्रैल 2024 को श्री शशांक शुभंकर, जिलाधिकारी, नालंदा की अध्यक्षता में हरदेव भवन सभागार में जिला आपदा प्रबंधन विभाग के तत्वाधान में एईएस /जापानी इंसेफेलाइटिस/ दिमागी बुखार/ चमकी बुखार /लू से बचाव हेतु संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई ।समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी महोदय ने निर्देश देते हुए कहा कि एईएस/जेई से प्रभावित बच्चों को बिना उपचार के रेफर न करें । स्थानीय पीएचसी स्तर पर प्रभावित मरीजों का इलाज हर हाल में सुनिश्चित करेंगे , ताकि रेफर के समय कोई विशेष खतरा न हो सके ।
निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर मोबाइल नंबर के साथ एंबुलेंस का टैगिंग करें, इलाज में विलंब न करें । एंबुलेंस नहीं मिलने की स्थिति में आवश्यकता अनुसार पीएचसी प्रभारी पदाधिकारी मरीज को निजी वाहन से भेजने हेतु वाहन भाड़ा का भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे ।निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों/पीएचसी पर प्रचुर मात्रा में ओआरएस/ पेरासिटामोल की दवा हर हाल में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे , साथ ही ससमय आवश्यक दवा मरीजों तक उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करेंगे ।
आशा /आशा फैसिलिटेटर /एएनएम /सीएच ओ/ इएमटी /आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका/ स्वयं सहायता समूह/ अन्य सरकारी तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से एईएस/जेई से सुरक्षा हेतु “चमकी को धमकी ” का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए प्रभावित मरीजों तक आसानी से आवश्यक दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे ।उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव /वॉटर लॉगिंग से डेंगू का खतरा बढ़ जाता है, मच्छरों से सुरक्षा हेतु क्षेत्रों में दवा का छिड़काव एवं फॉगिंग करना सुनिश्चित करेंगे ।इस अवसर पर अपर समाहर्ता आपदा/ प्रभारी पदाधिकारी आपदाप्रबंधन/ सिविल सर्जन/ डीपीओ आईसीडीएस/ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी/ सभी सीडीपीओ /सभी पीएससी प्रभारी पदाधिकारी आदि उपस्थित थे ।