आज दिनांक 30 जून 2021 को जिला कांग्रेस कमेटी की एक टीम थरथरी प्रखंड के कई पंचायतों में जलमग्न खेतों का दौरा करने पहुंची वहां पहुंचने के बाद जानकारी से भी ज्यादाभयावह दृश्य सभी खेत खलिहानों में देखने को मिला चार से पाँच फिट तक खेतों में पानी जमी हुई है किसानों ने बताया कि यह समस्या हम लोगों को 3 साल से झेलनी पड़ रही है इस साल तो और पहले ही आई बे मौसम बरसात में इस जलजमाव के चलते सैंकड़ो एकड़ में लगी मूंग पूरी तरह से डूब कर बर्बाद हो गयी करोड़ो रुपए का फसल बर्बाद हो गया जिसकी चिंता किसी को नहीं है हमारे धान के बिचड़ो को भी सिर्फ पानी ने नहीं डुवाया बल्कि सारे धान के बिचड़े गल कर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं लेकिन अभी भी समय बचा हुआ है अगर प्रशासन और सरकार का ध्यान हम लोगों की तरफ हो पाता है तो पुनः हम लोग धान के बिचड़े बुनकर फिर से धान की खेती कर सकते हैं जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया की चंडी प्रखंड के रूखाय पंचायत के टेका बीघा गांव के नजदीक चिरैया नदी में कुछ लोगों के द्वारा अवैध बाँध का निर्माण करवा लिया गया है|
जो देखने से छिलका नजर आता है लेकिन वह छिलका है नहीं क्योंकि उसमें गेट नहीं दिया गया है जिसके चलते टेका बीघा गांव के पहले दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं इसी बाँध के चलते किसानों की सैंकड़ो एकड़ में लगी मूंग तो बर्बाद हुई ही अभी हजारों एकड़ धान का खेत भी बर्बादी के कगार पर है वैसे भी छिलका का निर्माण सरकार के द्वारा एवं उनकी निगरानी में किया जाता है लेकिन यह अवैध छिलका नदी में 10 फीट ऊंचा बना दिया गया है जिससे नदी का पानी पूरा रुका पड़ा हुआ है एवं थरथरी प्रखंड के तीन पंचायत इसके चलते पूरी तरह से जलमग्न है छिलका का निर्माण भी अवैध के साथ-साथ गलत ढंग से किया गया है वैसे भी यह बाँध या छिलका सरकार के द्वारा किसी योजना से नहीं बनाया गया है अगर योजना के द्वारा बनाया गया है तब भी गलत है योजना से अगर नहीं बना है तो कहीं ना कहीं प्रखंड स्तर के पदाधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए बांध बनाया कैसे गया यह भी जांच का विषय है वहां पर जाने के बाद ग्राम वासियों ने बताया कि ग्रामीण लोग चंदा इकट्ठा करके इस बांध को बनाए हैं जो पूरी तरह से अवैध है कहीं न कहीं इसमें प्रशासनिक पदाधिकारियों की मिलीभगत नजर आती है अगर नहीं तो जिलाधिकारी को स्पष्ट जांच करवा कर दोषी पदाधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है इसका मतलब है|
नालंदा जिले में प्रशासन नाम की कोई चीज है ही नहीं क्योंकि जनता को यह छूट नहीं दी जा सकती कि सरकारी नदी या सरकारी सड़क पर कोई अवैध निर्माण करे वैसे भी उस बात पर जाकर दृश्य देखने से लगता है कि बांध के पीछे का गांव का ख्याल नहीं रखा गया है इस तरह से अवैध छिलका के निर्माण से लेकर अब तक की सारी जवाबदेही जिला प्रशासन की होती है पिछले 3 वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा जिलाधिकारी से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी से कई बार संपर्क करने के बावजूद भी इस पर कार्यवाही नहीं होना यह कहीं ना कहीं जिला प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है इस तरह के अवैध निर्माण से कहीं ना कहीं एक गांव से दूसरे गांव के लोगों के बीच तनाव की भी स्थिति उत्पन्न होती रहती है जिला प्रशासन को सूचना देने के साथ साथ विधायक एवं सांसद को सूचित करने के बाद भी इस पर अमल नहीं करना यह सरकार की विफलता को भी दर्शाता है एक तरफ सरकार किसानों की बात करती है और दूसरी तरफ किसान का फसल बर्बाद हो रहा है इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है कॉरपोरेट का कर्ज माफ किया जा रहा है|
लेकिन हमारे अन्नदाता किसान जो दिन-ब-दिन बदतर स्थिति में आते जा रहे हैं उनके कर्ज माफी का कोई चिंता सरकार को नहीं है जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने जिलाधिकारी को भी सूचित करते हुए कहा है कि अगर 3 दिनों के भीतर इस अवैध छिलके से पानी की निकासी नहीं करवाई जाती है तो मजबूर होकर प्रखंड एवं जिला कांग्रेस ग्रामीणों के सहयोग से सड़क पर आने का काम करेगी साथ ही 3 दिन पूरे होने के बाद महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन देकर इस बात से अवगत कराया जाएगा। जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार के साथ उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह प्रवक्ता मुन्ना पांडे महासचिव नंदू पासवान मेन प्रखंड अध्यक्ष राजीव रंजन गुड्डू नूरसराय प्रखंड अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद भरतरी के प्रखंड अध्यक्ष बिंदेश्वर यादव के साथ-साथ पार्टी के कई कार्यकर्ता मौजूद थे॥