एक दलित परिवार में चार-पांच रोज पहले एक बच्चे का जन्म हुआ था उस बच्चे का मलद्वार नहीं है गरीब परिजनों ने यहां से लेकर पटना तक का इलाज करवाया लेकिन समाधान नहीं हो सका इस दौरान परिवार जेबरात बेचे मोंटी सूद पर कर्ज लिया उसके बावजूद भी बच्चे
का इलाज यहां से लेकर पटना तक संभव नहीं हो सका आगे की इलाज के लिए बच्चों को दिल्ली जाना है लेकिन परिवार के पास पैसे नहीं है थक हार कर परिजन बच्चों को घर ले आए हैं यह मार्मिक स्टोरी हो सकती है कोई रिपोर्टर हो तो भेज कर खबर बनवा लीजिए।