नालंदा जिले के रहुई प्रखंड के पेंदापुर गांव में प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने स्कूल पर बच्चों को पढ़ाने के बजाय उन्हें साग-सब्जी तोड़ने के लिए भेजने, मिड डे मील में सड़ा हुआ फल देने और शिक्षकों के आपसी लड़ाई-झगड़े के आरोप लगाए हैं। ग्रामीण शीला देवी ने बताया कि उनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं।
लेकिन वहां के शिक्षिका बच्चों को पढ़ाने के बजाय उन्हें साग-सब्जी तोड़ने के लिए भेजती हैं। वहीं मिड डे मील में बच्चों को सड़ा हुआ फल दिया जाता है। वही ग्रामीण अवधेश कुमार का कहना है कि बच्चों द्वारा लगातार शिकायत की जा रही थी कि विद्यालय में खाना सही से नहीं दिया जा रहा है। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय आपस में ही लड़ते रहते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, न कि एक दूसरे से राजनीति करने पर। वही स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कहा कि यह पूरा राजनीति अन्य शिक्षक राजीव रंजन पांडे के द्वारा किया जा रहा है इनके द्वारा योजनाओं में कमीशन की मांग की जाती है नहीं देने पर मानसिक तनाव परिजनों के द्वारा दिलवाया जाता है।
हमारे ऊपर लगाए गए आप गलत और बेबुनियाद है। हमारे पास सारी योजनाओं का लेखा-जोखा है जिसकी जांच करवाई जा सकती है। वही इस मामले को लेकर अंबा पंचायत मुखिया सुशीला देवी के द्वारा जांच के लिए पंचायत सचिव को जिम्मेवारी दी गई है जिनके द्वारा पूरे लेखा जोखा का जांच किया जा रहा है।