बिहारशरीफ – बाजार समिति फर्स्ट फेज का जिर्णोद्धार कार्य में लगातार चेतावनी के बावजूद भी संवेदक द्वारा अब तक काम पूरा किया गया है। इस आलोक में संवेदक पर कार्रवाई करते हुए डिवार कर दिया गया है। साथ ही समय पर काम पूरा नहीं करने पर अग्रधन की राशि भी जब्त की जाएगी। इसके अलावे फर्स्ट फेज का का पूरा होने तक राज्य में किसी भी विभाग के टेंडर में भाग लेने की अनुमती नहीं दी जाएगी। संवेदक की इस हरकत से पूल निर्माण निगम जैसे एजेंसी को भी शर्मसार होना पड़ा। स्मार्ट सिटी का पहला मामला है जिसमें कार्य में शिथिलता बरतने के आरोप में संवेदक पर कार्रवाई की गई है। विभागीय जानकारी के मुताबित कार्य में तेजी लाने के लिए कई वार संवेदक को चेतावनी दी गई थी। पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता को भी स्पटीकरण पुछा गया। बावजूद भी संवेदक द्वारा काम में तेजी नहीं लाया गया। नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने बताया कि कार्य में शिथिलता बरतने के आरोप में स्मार्ट सिटी के निर्देश पर पुल निर्माण निगम द्वारा संवेदक को डिवार कर दिया गया है। 15 दिनों का समय दिया गया है। अगर समय सीमा के अंदर काम पूरा कर लेते हैं तो डिवार से मुक्त कर दिया जाएगा।
विभागीय जानकारी के मुताबकि बाजार समिति फर्स्ट फेज का काम के लिए संवेदक को करीब 11 महीने का समय दिया गया था लेकिन 13 महिना के बााद भी जिर्णोद्धार का काम पूरा नहीं किया गया है। काम में शिथिलता बरते के आरोप में संवेदक को डिवार कर दिया गया है। अब समय सीमा के अंदर काम पूरा होने तक राज्य के किसी भी विभाग में टेंडर नहीं डाल सकते हैं। और संवेदक द्वारा अगर समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं किया जाता है तो अग्रधन की राशि जब्त करते हुए ऐजेंसी को काली सूची में डाल दिया जाएगा। बता दें कि फर्स्ट फेजका काम अरूनादित्या एजेंसी को दिया गया था।
नगर आयुक्त ने बताया कि सितम्बर 2020 में फर्स्ट फेज का काम शुरू किया गया था और जुलाई 2021 तक पूरा कर देना था। लेकिन नहीं हो पाया। इसके बाद 30 अगस्त तक समय बढ़ाया गया था, इसके बावजूद भी मात्र 65 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है। हलांकि अभी तक 35 प्रतिशत ही राशि का भुगतान किया गया है। 15 दिन का और समय दिया गया है। बावजूद भी काम पूरा नहीं हुआ तो एजेंसी को काली सूची में डाल दी जाएगी।