राजगीर नगर परिषद के द्वारा जनहित के योजनाओं में किस तरह लापरवाही होती है इसका जीता जागता उदाहरण पूर्वी भारत रोड में चल रहे सड़क निर्माण से समझा जा सकता है।बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के पत्रांक 80 दिनांक 12 फरवरी 2019 को राज्य योजना के अंतर्गत वार्ड संख्या 11 मारवाड़ी बासा से पूर्वी भारत धर्मशाला रोड तक पीसीसी पथ निर्माण के लिए कुल 34 लाख 38 हज़ार का आवंटन दिया गया था।लेटलतीफी और लापरवाही के लिए मशहूर नगर परिषद राजगीर को फरवरी 2019 में आवंटन राशि के बाबजूद सड़क निर्माण कार्य शुरू कराने में 30 माह अर्थात ढाई साल लग गए। विदित हो कि जीर्ण शीर्ण सड़क के बदहाल हालात से तत्कालीन नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को पूर्व पार्षद श्याम किशोर भारती द्वारा लिखित आवेदन वर्ष 2018 में मलमास मेला के क्रम में दी गयी थी।मंत्री को दिए गए आवेदन के आलोक में मंत्री द्वारा पत्रांक 1003 के द्वारा राजगीर नगर कार्यपालक पदाधिकारी से सड़क का प्राक्कलन तैयार कर मांगा गया था।नगर विकास विभाग के अवर सचिव द्वारा इस संदर्भ में लगातार नगर कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र प्रेषित किया
गया।नगर परिषद राजगीर से प्राक्कलन पटना भेजने के उपरांत नगर विकास विभाग ने स्वीकृति प्रदान करते हुए फरवरी 2019 में पूर्वी भारत सड़क निर्माण के लिए कुल 34 लाख 38 हज़ार की राशि आवंटित की। आवंटन के बावजूद जब दिसम्बर 2019 तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नही हुआ तब पूर्व पार्षद श्याम किशोर भारती द्वारा राजगीर अनुमंडलीय लोक शिकायत में परिवाद दायर किया गया।परिवाद के दौरान भी नगर परिषद ने दिसम्बर 2019 में ही लोक शिकायत पदाधिकारी को प्रतिवेदन दे दिया कि कार्य चालू है।तब परिवादी ने आपत्ति जाहिर की तो राजगीर एसडीओ द्वारा मामले के जांचोपरांत कहा गया कि निविदा अभी प्रक्रियाधीन है।अब जाकर सितंबर 2021 में नगर परिषद द्वारा पूर्वी भारत सड़क का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया है।आखिर प्रश्न तो उठता ही है कि आखिर फरवरी 2019 में योजना के लिए राशि आवंटन के बाबजूद ढाई साल तक निर्माण कार्य नही होंने पर लापरवाही की जिम्मेदारी किसकी है।लंबे अर्से से बदहाल जीर्ण शीर्ण सड़क पर देर से ही सही सड़क निर्माण प्रारंभ होने से स्थानीय लोग काफी प्रसन्न हैं।